नेओक पाथर (हाइकू–कविता)

१.
नेओक ईंट
गड़ल माटितर
भार उठोने ।

२.
बिनु विषाद
निर्विकार मोनसँ
जान लगोने ।

३.
जहिना छल
तहिना पूर्ववत
प्राण सुखोने ।

४.
खसै ने केओ
धसल सम्हरल
ध्यान लगोने ।

५.
देखैअ लोक
उपरका गजुर
रंग पोतौने ।

६.
हँ उठा हाथ
हँसैअ देखहक
कते दबोने ।

–बृषेश चन्द्र लाल

4 टिप्पणियाँ

मिथिला दैनिक (पहिने मैथिल आर मिथिला) टीमकेँ अपन रचनात्मक सुझाव आ टीका-टिप्पणीसँ अवगत कराऊ, पाठक लोकनि एहि जालवृत्तकेँ मैथिलीक सभसँ लोकप्रिय आ सर्वग्राह्य जालवृत्तक स्थान पर बैसेने अछि। अहाँ अपन सुझाव संगहि एहि जालवृत्त पर प्रकाशित करबाक लेल अपन रचना ई-पत्र द्वारा mithiladainik@gmail.com पर सेहो पठा सकैत छी।

  1. १.
    नेओक ईंट
    गड़ल माटितर
    भार उठोने ।

    २.
    बिनु विषाद
    निर्विकार मोनसँ
    जान लगोने ।

    ३.
    जहिना छल
    तहिना पूर्ववत
    प्राण सुखोने ।

    ४.
    खसै ने केओ
    धसल सम्हरल
    ध्यान लगोने ।

    ५.
    देखैअ लोक
    उपरका गजुर
    रंग पोतौने ।

    ६.
    हँ उठा हाथ
    हँसैअ देखहक
    कते दबोने ।

    –बृषेश चन्द्र लाल
    bad neek

    जवाब देंहटाएं
  2. उमाशंकर मिश्र10 मई 2011 को 10:16 pm बजे

    एतेक नीक रचना लेल बधाइ उमेशजी।

    जवाब देंहटाएं

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