जुल्मी- मंत्रेश्वर झा
दुनिया मे अहीं टा त' नहिं छी जुल्मी, अपना पर बजरत तखन बुझवै जे की। काल्हियो छलहुँ हमारा आ काल्ह…
दुनिया मे अहीं टा त' नहिं छी जुल्मी, अपना पर बजरत तखन बुझवै जे की। काल्हियो छलहुँ हमारा आ काल्ह…
श्री मंत्रेश्वर झाकेँ एहि बेरक मैथिलीक साहित्य अकादमी पुरस्कार "कतेक डारि पर" पोथीपर देबा…