समय - नवीन नवेंदु (पोस्टल पार्क पटना)


समय

 
भोर , दुपहरिया आ सांझ
दिन बीत जायत अछि
जिनगी कर दिन देखैत - देखैत
लाली - लालीसँ लाल कनिया


लाल कनियाँ सँ
लाल दाइ बनी जायत अछि
रुकयत कहाँ अछि
समय भागल जायत अछि
टिक टिक चल पर


जखन समय नहीं रुकयत अछि
तन हम कीयक रुकी
आव आगा बढू
आ निर्माण करू
एक सभ्य सुसंस्कृत समाज के
 
 
- नवीन नवेंदु

8 टिप्पणियाँ

मिथिला दैनिक (पहिने मैथिल आर मिथिला) टीमकेँ अपन रचनात्मक सुझाव आ टीका-टिप्पणीसँ अवगत कराऊ, पाठक लोकनि एहि जालवृत्तकेँ मैथिलीक सभसँ लोकप्रिय आ सर्वग्राह्य जालवृत्तक स्थान पर बैसेने अछि। अहाँ अपन सुझाव संगहि एहि जालवृत्त पर प्रकाशित करबाक लेल अपन रचना ई-पत्र द्वारा mithiladainik@gmail.com पर सेहो पठा सकैत छी।

  1. neek kavita ,नवीन नवेंदु ji kavita jari rahay

    जखन समय नहीं रुकयत अछि
    तन हम कीयक रुकी
    आव आगा बढू
    आ निर्माण करू
    एक सभ्य सुसंस्कृत समाज के

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  2. sundar

    समय


    भोर , दुपहरिया आ सांझ
    दिन बीत जायत अछि
    जिनगी कर दिन देखैत - देखैत
    लाली - लालीसँ लाल कनिया



    लाल कनियाँ सँ
    लाल दाइ बनी जायत अछि
    रुकयत कहाँ अछि
    समय भागल जायत अछि
    टिक टिक चल पर



    जखन समय नहीं रुकयत अछि
    तन हम कीयक रुकी
    आव आगा बढू
    आ निर्माण करू
    एक सभ्य सुसंस्कृत समाज के

    जवाब देंहटाएं
  3. neek kavita, ehina nav-nav lekhkak prastuti aybak chahi

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