चाँद छि अहाँ तारा छि अहाँ
हमर मोनक सहारा छि अहाँ
रूपके वर्णन कहैत अछि
दुनिया के सितारा छि अहाँ !!
माँ कहै छैथ घरक लक्ष्मी छि अहाँ
आस - पास के लोग करै य चर्चा अहाँ के
जानकी नगरी क नारी छि अहाँ!!
कमल पुष्प सं सुशोभित अंग अहाँ के
कहैय म दुविधा नय वीणापाणी छि अहाँ!
अहल्या केर की बात करी,
द्रोपदी सं पंचाली छि अहाँ
सीता त उपमा मात्र छैथ,
अहि दुनिया के तारा छि अहाँ!!
भारती त शंकराचार्य के जितालैन
दुर्गा देवी के सामान छि अहाँ!
मुख सं निकलै स्वर अनमोल,
कोकिल कहबै छि अहाँ!!
हमर मोनक सहारा छि अहाँ
रूपके वर्णन कहैत अछि
दुनिया के सितारा छि अहाँ !!
माँ कहै छैथ घरक लक्ष्मी छि अहाँ
आस - पास के लोग करै य चर्चा अहाँ के
जानकी नगरी क नारी छि अहाँ!!
कमल पुष्प सं सुशोभित अंग अहाँ के
कहैय म दुविधा नय वीणापाणी छि अहाँ!
अहल्या केर की बात करी,
द्रोपदी सं पंचाली छि अहाँ
सीता त उपमा मात्र छैथ,
अहि दुनिया के तारा छि अहाँ!!
भारती त शंकराचार्य के जितालैन
दुर्गा देवी के सामान छि अहाँ!
मुख सं निकलै स्वर अनमोल,
कोकिल कहबै छि अहाँ!!
mani babu mani gelu aaha ke e t aaha nari ke aakash me phucha k chhori deliyae
जवाब देंहटाएंbahut nik bahut sundar
muda nigetiv sath aur nik hoyat
e totali posativ aae
Gautam Kumar Jha
Email ID :- goutam.jha@gmail.com
बहुत शुन्दर नारी वर्णन , कनिया यदि रूस्ती त हुनक अहि शब्द से मनेबैन ---
जवाब देंहटाएंचाँद छि अहाँ तारा छि अहाँ
हमर मोनक सहारा छि अहाँ
रूपके वर्णन कहैत अछि
दुनिया के सितारा छि अहाँ !!
बहुत सुन्दर रचना. आभार.
जवाब देंहटाएंनीक कविता अओर प्रशंसनीय वाक्य-विन्यास...
जवाब देंहटाएंएक टिप्पणी भेजें
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