छठी पूजा ख़त्म होयते ओहि सांझ सँ युवा महिला सभ अप्पन संगी सहेली सभक टोली बना मैथिली लोकगीत गाबैत अप्पन - अप्पन घर सँ निकलैत छथि। सभक हाथ म' बाँसक बनल डाला म' माटी सँ बनल सामा-चकेवा केर मूर्ति, सतभइया, भम्हरा, बृंदावन, चुगला, ढोलिया बजनिया आओर दोसर मूर्ति सभ रहैत अछि। मिथिलांचल म' जे कियो चुगलखोरी करैत छथि हुनका चुगला कहल जायत अछि। अप्पन मिथिलांचलक लोग सभक एहेन मानव अछि कि चुगले भगवान कृष्ण सँ सामा केर चुगलखोरी केना रहथिन।
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