मिथिला गीत- भास्करानन्द झा भास्कर
मिथिला सत्य साहित्यक भूमि , छी गीत संगीतक उर्वर भूमि हे विद्या-बुद्धि सपन्न मैथिल ! मिथि…
मिथिला सत्य साहित्यक भूमि , छी गीत संगीतक उर्वर भूमि हे विद्या-बुद्धि सपन्न मैथिल ! मिथि…
हहरि हहरि कए कानथि मिथिला नुका नुका कए खसाबथि दुख नोर राइतक अन्हरियामें छै भुतलायल सम्…
केहन मनुखसं पड़िगेल पल्ला सगरो भए गेल छुच्छे हल्ला ! फ़ेसबुक पर दिन भरि बैसल धड़ खसौने वो असगर बै…
हमहुं किछु लिखलै छी मनमें फ़ुटैत बात कहुना किछु बिम्ब,किछु छंद संग तुकबंदी, शब्दक अंग भंग सुखद अभ…
मिथिला हम छी मिथिलाक भिखमंगा मांग रहल छी विकासक भीख हाथ में लेने बाटी - कटोरी चौबटिया पर …