हाबड़ा पुल तोरा देखैबो @प्रभात राय भट्ट
तू लागैछे बड़ा सेक्सी गे,२
हाँ हाँ सेक्सी गे बड़ा सेक्सी गे २
आइग जिका धध्कई छे तू ,
बिजुली जिका चमकै छे तू ,
हवा में उड़इ छो तोहर दुपटा,
चल न चल गोरी कलकाता २
हाबड़ा पुल तोरा देखैबो,
कलकाता के शयर करैबो,
रस से भरल रस्गुला खिलेबो,
ठनका जिका ठंकई छे तू ,
बदरा जिका बरषई छे तू ,
पारी जिका रम्कई छे तू ,
बात बात में पढाई छे गाईर,
राख तू राख अपन जोवन सम्हईर,२
रूप तोहर देखि भेलै बबाल,
तोहर दीवाना समूचा नेपाल,
अजबे गजबे छौ चाल ढाल,
कमर में खोसने छे तू रुमाल,
जर जुवान के बाते छोर,
बुढ्बो भेल तोरा लेल बेहाल,
कोई कहै छौ आई लव यु,
कोई कहै छौ हेलो सेक्सी हाउ आर यु,
रचनाकार:प्रभात राय भट्ट
neek kavita
जवाब देंहटाएंएक टिप्पणी भेजें
मिथिला दैनिक (पहिने मैथिल आर मिथिला) टीमकेँ अपन रचनात्मक सुझाव आ टीका-टिप्पणीसँ अवगत कराऊ, पाठक लोकनि एहि जालवृत्तकेँ मैथिलीक सभसँ लोकप्रिय आ सर्वग्राह्य जालवृत्तक स्थान पर बैसेने अछि। अहाँ अपन सुझाव संगहि एहि जालवृत्त पर प्रकाशित करबाक लेल अपन रचना ई-पत्र द्वारा mithiladainik@gmail.com पर सेहो पठा सकैत छी।