आब अप्पन कहू की बिचार भेल


प्रिय बंधुगन आय ग्रुपक सफलता के देखैत बहुत ख़ुशी होइत छले, जे हम सभ मिल के जे एक छोट छिन्ह सपना देखने छलों से आय अपन राह पर अग्रसर भो रहल अछि.....


खुशिक संगे संग बहुत रास गप एहनो अछि जहीं सँ ह्रदय बहुत दुखाबैत अछि..


ह्रदय के द्रवित करै बला एहने एक आर गपक हमरा पता चलल... दहेज़ मुक्त मिथिला के एक बहुत जिम्मेदार सदस्य जिनका सँ हम सभ बहुत आस राखैत छलों (फिलहाल नाम नै कहब) पता चलल जे अगला महिना हुनकर छोट भाई के विवाह छैन...१९ मई , सुईंन के आश्चर्य करब जे ओ अपन भाई के 1,५०००००/- (एक लाख पचास हजार ) दहेज़ लेना छलाह....



आब अहिं सब कहू हम सभ मिल के की की सपना देखैत छलों आ की भे रहल अछि ???



एहि तरहक सभ सदस्यसँ हम अपील करे चाहब जे अपनेक झूठ - मुठ आशाक एहि संस्था "दहेज़ मुक्त मिथिला" के कुनू जरुरत नै छैक... जिनका मोन में एहि तरहक भावना अछि कृपा के कs एहि ग्रुप सँ बाहर जेबाक कस्ट करी...


यदि हमर गप किनको खराब लागत ते तहि लेल छमा चाहब.....


आगू और सूनू की भेल ------

Pravin Narayan चौधरी जितमोहनजी! ओ जे केओ होइथ हुनका लेल एतेक अपील बहुत आँखि खोलयवाला होयबाक चाही। लेकिन नाम खोलबैक तखन ने आरो लोक सभ एहेन मिथ्याचार करनिहार के पहचान करतैक? आ, कहीं अहाँ के गलत जानकारी भेल होय... ओहो बात स्पष्ट भऽ जेतैक। जे-जेना, अपने एहि बातके पूरा स्पष्ट लिखियौक।


Jitmohan Jha
भैया इ बात पूरा स्पष्ट अछि, हम सब हुनका सँ संपर्क में छी संगे ओ गछने छलाह जे लेल गेल दहेज़ रूपी पाई १,५००००/- ओ बेटी पक्ष बला के वापस करता... एहि मुहीम में हुनक खिलाफ खुद हुनकर सार हमरा संग ठार छैथ.. ओ एता धरी हमरा कहला जे जाधरी ओ हमरा स्टं...प पेपर पर लिख के नै देता आ ओई पर बेटी बला के दस्खत नै देखेता हम पछा नै छोर्बैन...

तहि लेल जखन ओ इ बात स्विकारैत छैथ ते हमरा बुझला सँ हुनकर नाम सार्वजानिक केनाय ठीक नै हेत...

तहि लेल हम छमा चाहब... कारण हमरा सभ के किनको भावना के ठेस नै पहुचेबाक चाही....



Pravin Narayan Choudhary वाह जीतमोहनजी!! बहुत सुन्दर प्रकरण बुझैछ आ लगैछ जे इहो एक रिकार्ड बनल एहि दहेज मुक्त मिथिलाके मूहिम के... ग्रेट सिम्प्ली!! जे लेलाह आ रिटर्न करताह ओहो बहुत सभ्य लोक छथि आ हम हुनका केवल एहि लेल नमन्‌ करवैन जे अपने लोकनिक मान राखिके लड़कीवालाके लेल पाइ वापस करय लेल तैयार छथि। वीर पुरुष हुनक सार के सेहो नमन्‌ - अहाँ सदिखन अहिना वीरतापूर्वक दहेजके दानव सँग लड़ैत रही से प्रार्थना। जय मैथिली! जय मिथिला!


आब ओऊ मुद्दा के बात पर की ई उछित थिक नै, कियक नै की अहन सब अहैसे पहिने मिथिला से बहार छलो जे

नाजेर नै परल की अहाँ सब के , टोल परोस , गामा घर मे ई बात नै छैक

की अहाँ सब एक दोसर के खिलाप किछ कहै नै सकैत छी या अहाँ सब के डर होय्या ,अगर होय्या त से किय होय्या , से कियक की कारन छैक , आई जै किछ कारन छल ताहि दुरे ई गप्प उठायल गेल कियक ई गप्प मदन ठाकुर के छोट भाई के बियाह छियान ताहि दुवारे या मदन ठाकुर कुनुक कर्मक नै छैथि ताहि दुवारे , की किनका घर में बियाह नै होयत अछि ई गप्प छुपल छैक , से बताऊ या और कुनो कारन छैक



हम मिथिला के संतान छी ताहि दुवारे , हम '' दहेज़ मुक्त मिथिला '' के सदस्य आई १० दिन से भेलो जाही कारन अपनेक सबहक समक्ष शर्म से किछ नीच लागैत छी , की ना यो , मुद्दा नै हमर गर्व से हमर गर्दन आई उच्च अछि , जे हम लड़की बाला के रुपैय वापस करब आ दहेज़ मुक्त मिथिला बनायब हमर ई कसम और अपनेक सबहक वादा अछि , चाहे हमारा अपन परिवार , टोल परोस , या गावं से नाता तोरे परे , यदि अपनेक सबहक सहयोग रहत त , ई कदम हम उठारहल छी आगू से मगर अहुंके उठायब परत अप्पन कदम , पछु से , दहेज़ मुक्त मिथिला के लेल , की तैयार छी अपन गर्दन उच्चय देखाबैक लेल ता अहं सब कसम खाऊ , और वादा करू , मिथिला के खातिर ,

मदन कुमार ठाकुर

पट्टीटोल, कोठिया

भैरव स्थान , झंझारपुर

मधुबनी बिहार 847404

और कहब त कहू अहि पर

9312460150


2 टिप्पणियाँ

मिथिला दैनिक (पहिने मैथिल आर मिथिला) टीमकेँ अपन रचनात्मक सुझाव आ टीका-टिप्पणीसँ अवगत कराऊ, पाठक लोकनि एहि जालवृत्तकेँ मैथिलीक सभसँ लोकप्रिय आ सर्वग्राह्य जालवृत्तक स्थान पर बैसेने अछि। अहाँ अपन सुझाव संगहि एहि जालवृत्त पर प्रकाशित करबाक लेल अपन रचना ई-पत्र द्वारा mithiladainik@gmail.com पर सेहो पठा सकैत छी।

  1. नमस्कार ,
    समस्त मिथिला के काका काकी ओर भेया -भोजी के चरण आस्पर्स , नाम आछी रमा कान्त झा (कूना) गाम आछी सौराठ , मिथिला सा ओर भाषा स आधिक प्रेम ओर सदद आगा रह्लोहू ओर विकास के मुदा सो ओर लेखन में देस बिदेस सा आपन भाषा के परचार कल आमरीका में हो यूरोप में आपन भाषा में बात कलह ओर आपना रीती रेबज के बारे में नही बिस्र्बक आग्रह केय्ल , गाम विकास समिति के नाम सा संस्था के माद्यम स आपने गाम के खुशाल के सपन ले चलहु ओर खुछ साथी छोरी देलह . ओर विकास के सपना माध्यम लेखन रहल , दहेज पर बात करी आनीय आछी ओर र्रुपिया पैसा नही ली बाकि डिमांड एतेक होएत आछी जे कनिया वाला के कमरे दोरी देत आछी , हम एक टा स्किकत सुनाबेत छि ,! पुराण धनिक ओर ऊची पोस्ट पर कय्ज्रत एक ब्ब्यक्ति के नाम गुप्त रखत २००१ के लरका एक टा आपना मोन सा कल ओर दोसर लरका के बासते कनियागत सब घर पर आबेत जायत , हुनकर मग पैसा नही चाही ओर डिमांड जे लरका नोकरी करीत छथि हुनकर डिमांड छें जे चारी चका गारी ओर २०तोल सोना ओर १०० करीब बरियाती के धोती ओर खुछ बहार वाला होयत ताहि सूट हेबाक चाही ओर आपनेक बेटी छाती जे विदाय देबेन से आपने बेटी ओर जमाए के ओर की कहू बास , ओर बी.अ. पास ओर १ दिबिजन हो ओर पैसा कोरी के किलाफ़ छि दहेज के खिलाफ हमर पिताजी छथि ,आब कहू जे कहें दहेज के मुक्ति समाज निर्माण करब , एक टा १९९०के आछी जे दहेज नही लेला पर दरभंगा के टावर पर २ कटा जमीन आपन नाम करवा लेलाह ओर बिबाह रति के कर्चा सबटा पाबं तिहर लरकी के माता पिता के थोपी देलह इ कुन देहज मुक्ति के बात आछी ,
    धनबाद
    रमा कान्त झा सौराठ मधुबनी बिहार

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  2. वाह, विलक्षण, जँ लेल दहेज सहर्ष आपस कए देल जाइत अछि तँ। ई बड़ शुभ संवाद, कारण आइ दूकेँ चारि कहि दहेज लेबाक घोषणा करैत बड़ागत पैघत्व बुझैत छथि। आश्चर्यक गप तँ ई अछि जे पढ़ि-लिखि लेलाक बादो मैथिल युवक एहि मामिलामे आगाँ किऐक नहि आबि रहल छथि?
    निश्चये अपनेँ सभक आन्दोलन रंग आनत आ मिथिला सोलहो आना दहेज मुक्त क्षेत्र बनत।
    अजीत-मैसूर।

    जवाब देंहटाएं

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