(1)
नयन केर नीन्न पड़ाएल की छीनि लेल कोनो
मोन केर बात मोनमे रहि गेल कोनो
उन्हरिया राति ई गुज-गुज एना कत्ते दिन धरि रहत
कम्बल कएक काजर केर तानि देल कोनो
काँटक झार राखल छै चौकठि केर दुनू दिस
तैयो अयाचित डेग नापि देल कोनो
छाहरि ने झरक लागय हमरा नीम गाछीमे
बसातक संग बिरड़ो फेर आनि देल कोनो
हमर खटक सिरमामे करैए नाग सभ सह-सह
काँचक घरमे पाथर राखि देल कोनो
बिहुँसल ठोर ने खुजतै कोनो कामिनी आगाँ
प्रीतक सींथमे भुम्हूर राखि देल कोनो
(2)
पसारल छैक परतीमे हमर पथार सन जिनगी।
कहू हम लऽ कऽ की करबै एहन उधार सन जिनगी।।
पड़ल छै लुल्ह-नाङर सन कोनो मंदिर केर चौकठिपर।
माँगय भीख जिनगी केर हमर लाचार सन जिनगी।।
साटल छैक फाटल सन कोनो देवालपर परचा।
केओ पढ़बा लेल चाहय ने हमर बीमार सन जिनगी।
बाटक कातमे रोपल जेना छी गाछ असगरूआ।
ने फड़ैए-फुलाबैए हमर बेकार-सन जिनगी।।
कतबा िदनसँ हैंगरमे छी कोनो कोट-सन टाँगल।
कुहरैत कोनमे पड़ल ई तिरस्कार-सन जिनगी।।
ई िजनगीकेँ कोनो िजनगी जकाँ हम जिनगिये बूझी।
ने जिनगी देल जिनगीमे जिनगी सन हमर जिनगी।।
dunoo gazal adbhut lagal
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