मैथिली गजलशास्त्र - ११

१.आब सामिल अराकानक आठ–रुक्नक छः–रुक्न - तीन बेर/ आ चारि–रुक्न - दू बेरक प्रयोग देखब। ई सभ मुफरद बहर अछि माने रुक्नक बेर-बेर प्रयोग होइत अछि।

२.एकर अतिरिक्त सामिल अराकानक १२ टा मुरक्कब बहर अछि माने दू प्रकारक अरकानक बेर-बेर अएलासँ १२ सालिम बहर, संगीतक भाषामे मिश्रित। ई तीन तरहक अछि:- ४ रुक्नक बहर, ६ रुक्नक बहर, ८ रुक्नक बहर / मुरक्कब (मिश्रित) पूर्णाक्षरी (सालिम) बहर- १२ टा –तवील, मदीद, मुनसरेह, मुक्तज़ब, मज़ारे, मुजतस, ख़फीफ, बसीत, सरीअ, जदीद, क़रीब, मुशाकिल।

३.आ तकर बाद सामिल आ मुजाहिफ अराकान दुनूक मेलपेँचसँ बनल १२ टा बहर मख्बून, अखरब, महजूफ, मक्तूअ, मक्बूज, मुज्मर, मरफू, मासूब, महजूज, मकफूफ, मश्कूल, आ अस्लम बहरक चर्च होएत।

४.आ एहिमे मात्र मुजाहिफ अराकानसँ बनल बेशी प्रयुक्त चारिटा बहर (मुक्तजब, मजारे, मुजतस आ खफीफ) क चर्च करब।


१.आब सामिल अराकानक आठ–रुक्नक छः–रुक्न - तीन बेर/ आ चारि–रुक्न - दू बेरक प्रयोग देखब। ई सभ मुफरद बहर अछि माने रुक्नक बेर-बेर प्रयोग होइत अछि।


बहरे मुतकारिब छः–रुक्न फ ऊ लुन (U।।) – तीन बेर


एके बेरमे जे कएलौं

बड़े भेर भेनेँ सुनेलौँ



बहरे मुतकारिब चारि–रुक्न फ ऊ लुन (U।।) – दू बेर


बड़ी दूर ठाढ़े

कनी दूर नाचे



बहरे मुतदारिक छः–रुक्न फा इ लुन (।U।) – तीन बेर


एकरे केलहा केलहीं

तैं अनेरे दुर्गा भेलहीं




बहरे मुतदारिक चारि–रुक्न फा इ लुन (।U।) – दू बेर


काहि काटी एतै

बात बाँटी एतै





बहरे हजज :- छः–रुक्न म फा ई लुन (U।।।) – तीन बेर


अनेरे भऽ गेलैं ऐ लड़ैले गै

तखैनो जे भऽ जेतै की गमैए गै






बहरे हजज :- चारि–रुक्न म फा ई लुन (U।।।) – दू बेर


कने बेगार बेमारी

कते की बात सुनाबी




बहरे रजज़ छः–रुक्न मुस तफ इ लुन (।।U।) – तीन बेर


ई जे धरा देखैसँ छै हेतै तँ नै

ई जे घटा घूमैसँ घूमै ने तँ नै





बहरे रजज़ चारि–रुक्न मुस तफ इ लुन (।।U।) – दू बेर


भोरे अएलै कोन गै

सोझे न एलै फोन गै


बहरे रमल छः–रुक्न फा इ ला तुन (।U।।)– तीन बेर


की गरीबो की धनीको तैँ सभे छी

की समीपो की कतेको जे घुमै छी


बहरे रमल चारि–रुक्न फा इ ला तुन (।U।।)– दू बेर


की कतेको बात भेलै

की जतेको लात खेलै


बहरे वाफ़िर छः–रुक्न म फा इ ल तुन (U।UU।) – तीन बेर


कने ककरा कहेबइ आ बतेबइ की

जते सुनबै तते कहता बतेबइ की


बहरे वाफ़िर चारि–रुक्न म फा इ ल तुन (U।UU।)– दू बेर


करेजक बात छै कतबो

करेजक हाल ई नञि हो


बहरे कामिल छः–रुक्न मु त फा इ लुन (UU।U।) – तीन बेर


अनका कतौ कहबै कने सुनतै कहाँ

सुनि ओ बजौ करतै कने जितबै जहाँ


बहरे कामिल चारि–रुक्न मु त फा इ लुन (UU।U।) – दू बेर


पहिले अनै तखने सुनै

कहबै कते कखनो करै



२.एकर अतिरिक्त सामिल अराकानक १२ टा मुरक्कब बहर अछि माने दू प्रकारक अरकानक बेर-बेर अएलासँ १२ सालिम बहर, संगीतक भाषामे मिश्रित। ई तीन तरहक अछि:- ४ रुक्नक बहर, ६ रुक्नक बहर, ८ रुक्नक बहर / मुरक्कब (मिश्रित) पूर्णाक्षरी (सालिम) बहर- १२ टा –तवील, मदीद, मुनसरेह, मुक्तज़ब, मज़ारे, मुजतस, ख़फीफ, बसीत, सरीअ, जदीद, क़रीब, मुशाकिल।

बहरे तवील फ–ऊ–लुन U।। मफा–ई–लुन U।।।


कहेबै सुनेबै की मुदा जे कहेतै से

सुनेतै उकारो की मुदा जे बजेतै से


बहरे मदीद फा–इ–ला–तुन ।U।। फा–इ–लुन।U।


सूनि बाजू मूँहमे कैकटा छै बातमे

बूझि बाजूमीत यौ कैकटा छै घातमे


बहरे मुनसरेह मुस–तफ–इ–लुन ।।U। मफ–ऊ–ला–तु ।।।U


की की रहै की की भेल कोनो भला कोनो सैह

माँ माँ करी पैघो भेल सेहो जरौ सेहो जैह


बहरे मुक्तजब मफ–ऊ–ला–तु ।।।U मुस–तफ–इ–लुन ।।U।


रामोनाम सेहो उठा रामोनाम सेहो जरा

रामोनाम मोहो लए रामोनाम बातो करा


बहरे मजारे मफा–ई–लुन U।।। फा–इ–ला–तुन ।U।।


अरे की छी सैह नै की अरे छी छी वैह ने छी

बिसारी की उघारी की अरे की की देब ने की


बहरे मुजतस मुस–तफ–इ–लुन ।।U। फा–इ–ला–तुन ।U।।

नै छै रमा नै रहीमो नै छै मरा नै मरीजो

नै ई कनेको मृतो छै नै ई कनेको जियै ओ


बहरे खफीफ फा–इ–ला–तुन ।U।। मुस–तफ–इ–लुन ।।U। फा–इ–ला–तुन ।U।।


रेख राखू फेकू तँ नै देख लेलौं

सूनि राखू बेरो तँ नै बीति गेलौं


बहरे बसीत मुस–तफ–इ–लुन ।।U। फा–इ–लुन।U।


की की रहै की भऽ गै की की छलै की भऽ नै

रीतो बितै ने कऽ गै गीतो बितै गाबि नै


बहरे सरीअ मुस–तफ–इ–लुन ।।U। मुस–तफ–इ–लुन ।।U। मफ–ऊ–ला–तु ।।।U


सेहो कने छै ने अते की केहैत

लेरो चुबै छै ने अते की केहैत


बहरे जदीद फा–इ–ला–तुन ।U।। फा–इ–ला–तुन ।U।। मुस–तफ–इ–लुन ।।U।


लेलहेँ ई बेगुणो आ भेलै भने

बेलगो ई नैहरो आ गेलै भने


बहरे करीब मफा–ई–लुन U।।। मफा–ई–लुन U।।। फा–इ–ला–तुन ।U।।


चलै छै ई कने बाटो जाइ छै नै

गतातोमे भने कोनो बात छै नै


बहरे मुशाकिल फा–इ–ला–तुन ।U।। मफा–ई–लुन U।।। मफा–ई–लुन U।।।


मोदमानी अहोभागी कनी छै की

क्रोध जानी प्रणो खाली बनै छै की


३.आ तकर बाद सामिल आ मुजाहिफ अराकान दुनूक मेलपेँचसँ बनल १२ टा बहर मख्बून, अखरब, महजूफ, मक्तूअ, मक्बूज, मुज्मर, मरफू, मासूब, महजूज, मकफूफ, मश्कूल, आ अस्लम बहरक चर्च होएत।


मख्बून: बहरे रमल मुसद्दस मख्बून

फा–इ–ला–तुन ।U।। फ–इ–ला–लुन UU।। फ–इ–ला–लुन UU।।


खेल खेला असली ऐ अगबे नै

मिलमिला अँखिगौरो बतहा नै


अखरब: बहरे हजज मुरब्बा अखरब

मफ–ऊ–लु ।।U मफा–ई–लुन U।।।


की भेल लटू बूड़ू

के गेल अत्ते जोड़ू


महजूफ: बहरे रमल मुसम्मन महजूफ

फा–इ–ला–तुन ।U।। फा–इ–ला–तुन ।U।। फा–इ–ला–तुन ।U।। फा इ लुन । U ।

एनमेनो भेल गेलौ आश आगाँ बीतलौ

सूनि गेलौं नै भगेलौं नाश नारा गीत यौ


मक्तूअ: बहरे मुतदारिक मुसद्दस मक्तूअ

फा–इ–लुन।U। फा–इ–लुन।U। फै–लुन ।।


कीसँ की भेल छी बाबू

कीसँ की कैल छी आगू

मक्बूज: बहरे मुतकारिब मुसम्मन मक्बूज (एहिमे सभटा मुज़ाहिफ अरकान)

फ ऊ लुन U । । फ ऊ लुन U । । फ ऊ लुन U । । फ–ऊ–लु U।U


अरे रे अहाँ जे कहेलौं सिनेह

अरे रे अहाँ जे बजेलौं सिनेह



मुज्मर: बहरे कामिल मुसद्दस मुज्मर (एहिमे सभटा अरकान सामिल)


मु–त–फा–इ–लुन UU।U। मु–त–फा–इ–लुन UU।U। मुस–तफ–इ–लुन ।।U।

अनठयने रहबै रहबै हरे हे रोमबै

अनठयने रहबै रहबै अरे हे घूरिऐ



मरफू: बहरे मुक्तजिब मुसद्दस मरफू


मफ–ऊ–ला–तु ।।।U मफ–ऊ–ला–तु ।।।U मफ–ऊ–लु ।।U

की की रेह की की सैह निंघेस

की की रेह की की यैह निंघेस


मासूब – बहरे वाफिर मुसद्दस (एहिमे सभटा अरकान सामिल)

मफा–इ–ल–तुन U।UU। मफा–इ–ल–तुन U।UU। मफा–ई–लुन U।।।


अरे अनलौं सुहागिन यै अनेरो की

अरे अनलौं मुहोथरिमे जनेरो की


महजूज: बहरे मुतदारिक मुसम्मन महजूज (एहिमे सभटा मुज़ाहिफ अरकान)


फा इ लुन । U । फा इ लुन । U । फा इ लुन । U । फा ।

के रहै सूनि यै ई अहाँकेँ

के रहै कूदि यै ई अहाँकेँ


मकफूफ: बहरे हजज मुसम्मन मकफूफ

मफा–ई–लुन U।।। मफा–ई–लुन U।।। मफा–ई–लुन U।।। म–फा–ई–लु U।।U

अनेरे की अनेरे की धुनेरे की कहेलौं हँ

अनेरे की अनेरे की धुनेरे की कहेलौं हँ


मश्कूल: बहरे रमल मुसम्मन मश्कूल

फा–इ–ला–तुन ।U।। फा–इ–ला–तुन ।U।। फा–इ–ला–तुन ।U।। मफ–ऊ–लु ।।U

सूनि सुन्झा केलियै ने कोन पापी छोड़ाइ

सूनि सुन्झा केलियै ने कोन पापी छोड़ाइ


अस्लम: बहरे मुतकारिब मुसद्दस अस्लम

फ–ऊ–लुन U।। फ–ऊ–लुन U।। फ–अल् U।

अरे की अरे की अहाँ

अरे की अरे की अहाँ


४.आ एहिमे मात्र मुजाहिफ अराकानसँ बनल बेशी प्रयुक्त चारिटा बहर (मुक्तजब, मजारे, मुजतस आ खफीफ) क चर्च करब।

बहरे मुक्तजब (मुजाहिफ रूप) (अपूर्णाक्षरी आठ रुक्न):फ ऊ लु U । U फै लुन U । फ ऊ लु U।U फै लुन। ।

कतेक गपो कतेक सप्पो

कतेक मिलै रहैत छै ओ



बहरे मज़ारे (मुजाहिफ रूप) (अपूर्णाक्षरी आठ रुक्न):मफ ऊ लु । । U फा इ ला तु । U । U म फा ई लु U । । U फा इ लुन। U । / फा इ ला न। U । U


ने छैक नै इनाम कते कोन छानि गै

ने छैक नै नकाम कते कोन काज गै


बहरे मुजतस (मुजाहिफ रूप) (अपूर्णाक्षरी आठ–रुक्न):म फा इ लुन U । U । फ इ ला तुन U U । । म फा इ लुन U । U । फै लुन। ।/ फ–इ–लुन UU।


भने भले करतै की भने भले भेटौ

कते कते जरतै ई कते कने देखौ


बहरे ख़फीफ़ (मुजाहिफ रूप) (अपूर्णाक्षरी छः रुक्न):फा इ ला तुन । U । । म फा इ लुन U । U । फै लुन। । / फ इ लुन U U ।


देख लेलौं दिवारसँ बेचै कखनो

बेख देखै गछारसँ हेतै निक ओ

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