गजल

सोना भेटत सस्ता मँहग बड्ड चाउर देखब एक दिन
लोक एहिना लूटत हबाउर देखब एक दिन

अहाँ संग हमरा देखि सदिखन
लोक जरत आ बनत छाउर देखब एक दिन

विधान सभा लोक सभा शोक सभा
भूखल जनता दैत रहत धमाउर देखब एक दिन

हुनकर धोधिए देखि मेटा गेल भूख हमर
एहिना अँहू सभ करब चराउर देखब एक दिन

नोरक खिच्चरि दर्दक तिलबा कष्टक चुड़लाइ
एहिना हएत अनचिन्हार जड़ाउर देखब एक दिन

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