कोरो आ पाढी (गीत) - विनीत ठाकुर

गरीब छोरि कs के बुझतै गरीबीके मारि
ओ तs पेटे लेल जरबै छै कोरो आ पाढी
भेल छै स्वार्थी सब नेता अपने स्वार्थ में चूर
छिनलकै जे सपना सुख भs गेलैक कोसो दूर


ओकरे पर सब मुहगरहा करैछै ब्रह्म लूट
निकालै छै ओकरेसँ फाइदा करा कs फूट
रहितै जे ओकरो लग अपन ज्ञानक बखारी
नै बनितै समाजक लेल दरिद्र ओ भिखारी


भेल छै बहुतो ठाम स्कूल, कॉलेजक निर्माण
पेट में अपुग दाना तहने सब किछु विरान
कोनो गोटे नै खेलाऊ ओकर जीवन सँ खेल
करिओ ओकरो आगू समाजक विकासक लेल
 
 
 
विनीत ठाकुर
माता: शान्ति देवी, पिता: ब्रह्मदेव ठाकुर, जन्म तिथि: ०१.०३.१९७६, शिक्षा: बी.एड, सेवा: शिक्षक, स्थायी पता: मिथिलेश्वर मौवाही - ६, धनुषा, नेपाल.. इ-मेल: binitthakur@yahoo.co.in

1 टिप्पणियाँ

मिथिला दैनिक (पहिने मैथिल आर मिथिला) टीमकेँ अपन रचनात्मक सुझाव आ टीका-टिप्पणीसँ अवगत कराऊ, पाठक लोकनि एहि जालवृत्तकेँ मैथिलीक सभसँ लोकप्रिय आ सर्वग्राह्य जालवृत्तक स्थान पर बैसेने अछि। अहाँ अपन सुझाव संगहि एहि जालवृत्त पर प्रकाशित करबाक लेल अपन रचना ई-पत्र द्वारा mithiladainik@gmail.com पर सेहो पठा सकैत छी।

एक टिप्पणी भेजें

मिथिला दैनिक (पहिने मैथिल आर मिथिला) टीमकेँ अपन रचनात्मक सुझाव आ टीका-टिप्पणीसँ अवगत कराऊ, पाठक लोकनि एहि जालवृत्तकेँ मैथिलीक सभसँ लोकप्रिय आ सर्वग्राह्य जालवृत्तक स्थान पर बैसेने अछि। अहाँ अपन सुझाव संगहि एहि जालवृत्त पर प्रकाशित करबाक लेल अपन रचना ई-पत्र द्वारा mithiladainik@gmail.com पर सेहो पठा सकैत छी।

और नया पुराने