कृषि प्रधान एहि देशमे
किसान निरन्तर क’ रहल अछि आत्महत्या
जनकल्याणकारी राज्यक संसदमे
रोज बनैत अछि कानून मुदा
बनिया आ विदेशी सौदागरक लेल
स्कूल-काॅलेजमे आब चरित्रा
निर्माणक नहि
दोसराक जेबी सँ अपना जेबीमे पाइ
झटकबाक देल जाइत अछि शिक्षा
न्यायालयमे अभियुक्तक हैसियत
देखि क’ होइ छै फैसला
आ पमरियाक तेसर जकाँ
लोकतन्त्राक तथाकथित चारिम खाम्ह
अपन अस्तित्व लेल करैत
अछि नित्तह दिन संघर्ष
बाबा कबीर!
उलटबाँसी अहींक समयमे नहि
हमरो समयमे अछि
मुदा कतएसँ लाउ हम
अहाँ सन भाषा आ
अहाँ सन अपन शब्दमे असर
ईहो एक टा उलबाँसीए अछि, माफ करब कबीर!
कृषि प्रधान एहि देशमे
जवाब देंहटाएंकिसान निरन्तर क’ रहल अछि आत्महत्या
जनकल्याणकारी राज्यक संसदमे
रोज बनैत अछि कानून मुदा
बनिया आ विदेशी सौदागरक लेल
स्कूल-काॅलेजमे आब चरित्रा
निर्माणक नहि
दोसराक जेबी सँ अपना जेबीमे पाइ
झटकबाक देल जाइत अछि शिक्षा
न्यायालयमे अभियुक्तक हैसियत
देखि क’ होइ छै फैसला
आ पमरियाक तेसर जकाँ
लोकतन्त्राक तथाकथित चारिम खाम्ह
अपन अस्तित्व लेल करैत
अछि नित्तह दिन संघर्ष
बाबा कबीर!
उलटबाँसी अहींक समयमे नहि
हमरो समयमे अछि
मुदा कतएसँ लाउ हम
अहाँ सन भाषा आ
अहाँ सन अपन शब्दमे असर
ईहो एक टा उलबाँसीए अछि, माफ करब कबीर!
bah raman ji
nik ulatbasi
जवाब देंहटाएंnik ulatbasi
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