उलटबाँसी- रमण कुमार सिंह




कृषि प्रधान एहि देशमे
किसान निरन्तर क’ रहल अछि आत्महत्या
जनकल्याणकारी राज्यक संसदमे
रोज बनैत अछि कानून मुदा
बनिया आ विदेशी सौदागरक लेल
स्कूल-काॅलेजमे आब चरित्रा
निर्माणक नहि
दोसराक जेबी सँ अपना जेबीमे पाइ
झटकबाक देल जाइत अछि शिक्षा
न्यायालयमे अभियुक्तक हैसियत
देखि क’ होइ छै फैसला
आ पमरियाक तेसर जकाँ
लोकतन्त्राक तथाकथित चारिम खाम्ह
अपन अस्तित्व लेल करैत
अछि नित्तह दिन संघर्ष
बाबा कबीर!
उलटबाँसी अहींक समयमे नहि
हमरो समयमे अछि
मुदा कतएसँ लाउ हम
अहाँ सन भाषा आ
अहाँ सन अपन शब्दमे असर
ईहो एक टा उलबाँसीए अछि, माफ करब कबीर!

3 टिप्पणियाँ

मिथिला दैनिक (पहिने मैथिल आर मिथिला) टीमकेँ अपन रचनात्मक सुझाव आ टीका-टिप्पणीसँ अवगत कराऊ, पाठक लोकनि एहि जालवृत्तकेँ मैथिलीक सभसँ लोकप्रिय आ सर्वग्राह्य जालवृत्तक स्थान पर बैसेने अछि। अहाँ अपन सुझाव संगहि एहि जालवृत्त पर प्रकाशित करबाक लेल अपन रचना ई-पत्र द्वारा mithiladainik@gmail.com पर सेहो पठा सकैत छी।

  1. कृषि प्रधान एहि देशमे
    किसान निरन्तर क’ रहल अछि आत्महत्या
    जनकल्याणकारी राज्यक संसदमे
    रोज बनैत अछि कानून मुदा
    बनिया आ विदेशी सौदागरक लेल
    स्कूल-काॅलेजमे आब चरित्रा
    निर्माणक नहि
    दोसराक जेबी सँ अपना जेबीमे पाइ
    झटकबाक देल जाइत अछि शिक्षा
    न्यायालयमे अभियुक्तक हैसियत
    देखि क’ होइ छै फैसला
    आ पमरियाक तेसर जकाँ
    लोकतन्त्राक तथाकथित चारिम खाम्ह
    अपन अस्तित्व लेल करैत
    अछि नित्तह दिन संघर्ष
    बाबा कबीर!
    उलटबाँसी अहींक समयमे नहि
    हमरो समयमे अछि
    मुदा कतएसँ लाउ हम
    अहाँ सन भाषा आ
    अहाँ सन अपन शब्दमे असर
    ईहो एक टा उलबाँसीए अछि, माफ करब कबीर!
    bah raman ji

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