कविता
हे हमर प्रेयसी
जहिना
फूल झहरि-झहरि खसैत अछि
माटि पर
ओकरा सजबए लेल
मेघ हहरि-हहरि
बुन्नी बनि जाइत छैक
फसिलक लेल
सुगंध उड़ि-उड़ि
बसात मे मीलि जाइत छैक
ओकर सौन्दर्यक लेल
तहिना
हे हमर प्रेयसी, हे हमर सोन
आउ
हम दूनू मीलि जाइ
एक दोसरा मे
नव जिनगी , नव चेतनाक
लेल
हे हमर प्रेयसी
जहिना
फूल झहरि-झहरि खसैत अछि
माटि पर
ओकरा सजबए लेल
मेघ हहरि-हहरि
बुन्नी बनि जाइत छैक
फसिलक लेल
सुगंध उड़ि-उड़ि
बसात मे मीलि जाइत छैक
ओकर सौन्दर्यक लेल
तहिना
हे हमर प्रेयसी, हे हमर सोन
आउ
हम दूनू मीलि जाइ
एक दोसरा मे
नव जिनगी , नव चेतनाक
लेल
AABA KAVITO GAZLE JEKA SUNDAR AA UTKRISHTA
जवाब देंहटाएंहे हमर प्रेयसी
जहिना
फूल झहरि-झहरि खसैत अछि
माटि पर
ओकरा सजबए लेल
मेघ हहरि-हहरि
बुन्नी बनि जाइत छैक
फसिलक लेल
सुगंध उड़ि-उड़ि
बसात मे मीलि जाइत छैक
ओकर सौन्दर्यक लेल
तहिना
हे हमर प्रेयसी, हे हमर सोन
आउ
हम दूनू मीलि जाइ
एक दोसरा मे
नव जिनगी , नव चेतनाक
लेल
SABH SHABD CHUNI CHUNI, BEECHI BEECHI, BIKCHHIYA BIKCHHIYA LEL GEL ACHHI.
जवाब देंहटाएंAA EKAR PARINAM ACHHI ETEK NIK KAVITA
EK BER PHER EKTA NIK RACHNA AHANK KALAM SE PADHLAHU
जवाब देंहटाएंKAMAL KARAI CHHI BHAI
जवाब देंहटाएंहे हमर प्रेयसी, हे हमर सोन
HE HAMAR SON LIKHI BAHUT KICCHU AANI DELAHU EHI KAVITA ME
aab te kavito jhurjhar aabay laagal; ahank
जवाब देंहटाएंbah bhai, sabhta udaharanak explanation optimistic,
जवाब देंहटाएंnik lagal,
muda jingi me...
बहुत नीक प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंएक टिप्पणी भेजें
मिथिला दैनिक (पहिने मैथिल आर मिथिला) टीमकेँ अपन रचनात्मक सुझाव आ टीका-टिप्पणीसँ अवगत कराऊ, पाठक लोकनि एहि जालवृत्तकेँ मैथिलीक सभसँ लोकप्रिय आ सर्वग्राह्य जालवृत्तक स्थान पर बैसेने अछि। अहाँ अपन सुझाव संगहि एहि जालवृत्त पर प्रकाशित करबाक लेल अपन रचना ई-पत्र द्वारा mithiladainik@gmail.com पर सेहो पठा सकैत छी।