गजल
गप्प जखन बिआहक चलल हेतैक
कुशलक खोंइछ कत्तौ बान्हल हेतैक
डेग-डेग पर निद्रा देवीक प्रसार
केना कहू केओ जागल हेतैक
सड़ि गेलैक एहि पोखरिक पानि
जुग-जुगान्तर सँ नहि उराहल हेतैक
विश्वास करु समान कम नहि देत
बाटे मे बाट भजारल हेतैक
गप्प जखन बिआहक चलल हेतैक
गरीबक बेटी बड्ड कानल हेतैक
गोली लागल देह दसो दिशा मे कुशलक खोंइछ कत्तौ बान्हल हेतैक
डेग-डेग पर निद्रा देवीक प्रसार
केना कहू केओ जागल हेतैक
सड़ि गेलैक एहि पोखरिक पानि
जुग-जुगान्तर सँ नहि उराहल हेतैक
विश्वास करु समान कम नहि देत
बाटे मे बाट भजारल हेतैक
केलहुँ कमाल देलहुँ घाव भाइ, एहि बेर छातीपर चोट केलहुँ
जवाब देंहटाएंgazal master chhi ahan,
जवाब देंहटाएंehi ber pher ekta samvedanshil gazal ahank keyboard se niklal
गप्प जखन बिआहक चलल हेतैक
जवाब देंहटाएंगरीबक बेटी बड्ड कानल हेतैक
खोंइछ कत्तौ बान्हल हेतैक
bad nik bhai saheb
ek ber pher nik rachna
जवाब देंहटाएंकलम सजाबी कोना सजाबी ई सजौनय कियो अहाँ स' सीखय I
जवाब देंहटाएंअसली गजलकार ओहै अछि भाई जे ग़ज़ल सजा क' अहाँ सन लिखय II
अपनेंक प्रशंसक
हम छी-मनीष झा "बौआभाई"
bhai ji ahank jhamkaua gazal sabh me bad rahasya rahay ye
जवाब देंहटाएंएक टिप्पणी भेजें
मिथिला दैनिक (पहिने मैथिल आर मिथिला) टीमकेँ अपन रचनात्मक सुझाव आ टीका-टिप्पणीसँ अवगत कराऊ, पाठक लोकनि एहि जालवृत्तकेँ मैथिलीक सभसँ लोकप्रिय आ सर्वग्राह्य जालवृत्तक स्थान पर बैसेने अछि। अहाँ अपन सुझाव संगहि एहि जालवृत्त पर प्रकाशित करबाक लेल अपन रचना ई-पत्र द्वारा mithiladainik@gmail.com पर सेहो पठा सकैत छी।