डॉ0 जनक किशोर लाल दाश जीक मैथिली भाषा कविता

प्रिय बंधू कविता पढे लेल कविता के पन्ना पर क्लीक करू !


१, मैथिली (कविता) सुपैन धार

२ , मैथिली (कविता) प्राचीन ऋण
३,मैथिली (कविता) नव साल आरे

४,मैथिली (कविता) मेघ दुत

५,मैथिली (कविता) मीत कीएक चुप छी

६,मैथिली (कविता) हमर पुतोहू


७,मैथिली (कविता) कोईलिक व्यथा



८,मैथिली (कविता) जुहू तट



९,मैथिली (कविता) जिद्दी चिरई

१०,मैथिली (कविता) गामे म रहैत छी



११,मैथिली (कविता) डायरिक पन्ना सं




१२,मैथिली (कविता) हम बूढ़ लोक छी

१३,मैथिली (कविता) बलिदान अहाँ के


उम्मीद करे छी कविता अपने पसंद करब !!

2 टिप्पणियाँ

मिथिला दैनिक (पहिने मैथिल आर मिथिला) टीमकेँ अपन रचनात्मक सुझाव आ टीका-टिप्पणीसँ अवगत कराऊ, पाठक लोकनि एहि जालवृत्तकेँ मैथिलीक सभसँ लोकप्रिय आ सर्वग्राह्य जालवृत्तक स्थान पर बैसेने अछि। अहाँ अपन सुझाव संगहि एहि जालवृत्त पर प्रकाशित करबाक लेल अपन रचना ई-पत्र द्वारा mithiladainik@gmail.com पर सेहो पठा सकैत छी।

  1. नव तकनीकक नीक प्रयोग। पहिने तँ अक्षर पढ़अल नहीं भेल मुदा जखन कवितापर क्लिक केलहुँ तँ पिक्चर फाइल खुजि कए पैघ भए गेल आ पूर्ण स्पष्टतासँ पढ़ि सकलहुँ। धन्यवाद जीतू जी।

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