ऐहिक कारण ई अछि कि ग्रहण केँ स्पर्श काल यानी आरंभ सांझ 05:18:27 पर भ' रहल अछि। एक जानकार शास्त्री जी कहलनि कि शास्त्र सभक मुताबिक चन्द्रग्रहण केँ सूतक ग्रहण आरंभ भेला सँ 9 घंटा पहिने लागैत अछि जखनकि सूर्यग्रहण केँ सूतक 12 घंटा पहिने लगैत अछि। एहि नियम केर मुताबिक ग्रहण केँ सूतक 31 जनवरी केँ भोर 8 बजीकेँ 18 मिनट पर लागत।
माघ पूर्णिमाक दिन चन्द्रग्रहण लागब एक दिव्य संयोग मानल जायत अछि। एहि अवसर पर स्नान आओर दान-पुण्य करबाक लाभ आन दिन सँ कैको गुणा बेसी प्राप्त होयत अछि। मुदा दान पुण्य करनिहार केँ ई ध्यान रखबाक चाही कि ओ जे भी करथि भोर 8 बजे सँ पहिने करथि।
ओना शास्त्र सभक दिशानिर्देश केर मुताबिक ग्रहण केर मौका पर दान करबाक लेल सभसँ उत्तम समय ग्रहण केँ मोक्ष काल समाप्त भेलाक बाद होयत अछि। माने ग्रहण समाप्त भेलाक बाद दान करबाक चाही। एहि नियम केर मुताबिक 31 जनवरी केँ रातिक 8 बजीकेँ 41 मिनट 11 सेकंडक बाद स्नान करी दान करब उत्तम फलदायी होयत।
एक नजैर चन्द्रग्रहण केँ समय पर;
ग्रहण केँ स्पर्श काल :- सांझ 5 बजीकेँ 18 मिनट 27 सेकंड
खग्रास आरंभ :- सांझ 6 बजीकेँ 21 मिनट 47 सेकंड
ग्रहण मध्य :- सांझ 6 बजीकेँ 59 मिनट 50 सेकंड
खग्रास समाप्त :- सांझ 7 बाजीकेँ 37 मिनट 51 सेकंड
ग्रहण मोक्ष :- राति 8 बजीकेँ 41 मिनट 11 सेकंड