एहेन बेटाक कुन जरुरत, जे पिता केर मौतक खबैर भेटलाक बादो मुखाग्नि देबा नहि पहुंचे?

जहानाबाद। 25 नवम्बर। सड़क पर ओहि समय सभक आंखि नोरा गेल जखन पिता केर अर्थी क' बेटा नहि बेटी सभ कंधा ध श्मशान लेल निकललि। बेटी सभ शव क' कंधा द' श्मशान घाट ल' गेली आ खुद मुखाग्नि द' बेटाक फर्ज निभेली। दरअसल ई दृश्य जहानाबाद जिला मे देखबाक लेल भेटल जता तीन बेटि अप्पन पिता केर अर्थी क' नहि सिर्फ कंधा देलनि बल्कि मुखाग्नि द' संतान केर फर्ज निभेली। एहि दौरान ओता उपस्थित सभ गोटा बेटी केर एहि कारनामा देखि गर्व महसूस करैत रहथिन तें बेटी सभक कहब छल पापा हम अहाँक जगह ते पूरा नहि क' सकब, मुदा अहाँक बेटी होयबाक हक जरूर पूरा करब। हमरा गर्व अछि कि हम अहाँक संतान छी। 


प्राप्त खबैर केर मुताबिक जहानाबाद जिलाक रहिवासी विनोद कुमार पछिला कैको मास सँ बीमार छलाह आ हुनकर इलाज पटना के पीएमसीएच अस्पताल मे चलैत छलैन्ह। इलाजक दौरान गुरु दिन अप्पन अंतिम सांस लेलनि। हुनकर मौतक खबैर हुनकर बेटा क' देल गेल मुदा बेटा हुनकर अंतिम दर्शन करबाक लेल सेहो नहि पहुंचल, जाहिक बाद हुनकर तीनो बेटी खुद हुनकर अर्थी क' कंधा दैत हुनका श्मशान घाट ल' गेली आओर मुखाग्नि दैत संतान होयबाक फर्ज निभेली। जखन बेटी सभ अप्पन पिता केर लाश क' कंधा पर ल' जायत छली तेँ रास्ता भरी सभक मुंह सँ एतबे बात सुनबाक लेल भेटैत छल कि यदि सभ बेटी एहने हुवे तँ बेटाक कुन जरुरत।


जहानाबाद के पुरनका सिविल कोर्ट के पाछू घटल एहि घटना पर ग्रामीण सभ कहलनि कि विनोद कुमार केर मौतक बाद ओहि सभय हुनकर बेटी सभ टुइट गेली जखन हुनकर भाई अप्पन पिता केर लाश क' देखा तक नहि पहुंचल। विनोद कुमार के मौत ब्रेन हेमरेज केर कारण भेल छल। जाहिक बाद हुनकर तीनो बेटी हुनकर अर्थी क' कंधा देलनि आओर अंतिम विदाई देबाक फैसला केलनि। जखन एहि बातक खबैर ग्रामीण सभके पड़ल तेँ वॉर्ड पार्षद केर पति राजीव कुमार, बाड़ू यादव पहुंचला आओर बच्चिया सभक संग अर्थी क' कंधा द' जहानाबाद के गौरी घाट ल' गेला। जता हुनकर बेटी सभ अंतिम संस्कार केलनि।

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