सुप्रीम कोर्ट केर 7 जजक सांविधानिक पीठ कहलनि की 'धर्म, जाति, भाषा केर आधार पर वोट नहि मांगल जे सकैत अछि। अप्पन संविधान धर्मनिरपेक्ष अछि आर ओहिके प्रकृति क' कायम रखबाक चाहि। उम्मीदवार या एजेंट धर्म केर इस्तेमाल नहि कर' सकैत अछि।'
सुप्रीम कोर्ट कहलनि कि चुनाव एक धर्मनिरपेक्ष अभ्यास अछि आर ई प्रक्रिया सदिखन जारी रहबाक चाही। ओनाकि सुप्रीम कोर्ट आगा इयो स्पष्ट कलेलन्हि कि कउनु शख्स आर भगवान के बीच रिश्ता व्यक्तिगत मामला अछि। एहि रिश्ता मे राज्य क' हस्तक्षेप केर इजाजत नहि अछि।
कोर्ट ई फैसला हिंदुत्व मामला से जुड़ल कैको याचिका केर सुनवाई केर दौरान देलन्हि। एहीसे पहिने सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ एक याचिका मे कोर्ट से हस्तक्षेप केर मांग केना छल जाहिमे कहल गेल छल कि धर्म आर राजनीति क' मिलेबाक नहि चाहि, धर्म आर राजनीति क' एक-दोसर से अलग करबाक लेल निर्देश जारी करबाक चाहि।
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