गजल
सटै जँ ठोर अनचिन्हारक अनचिन्हार सँ त बुझिऔ होली छैक
बाजए जँ केओ प्यार सँ त बुझिऔ होली छैक
बेसी टोइया-टापर देब नीक नहि भाइ सदिखन अनवरत
निकलि जाइ जँ अन्हार सँ त बुझिऔ होली छैक
केहन- केहन गर्मी मगज मे रहै छैक बंधु
मनुख बचि जाए जँ गुमार सँ त बुझिऔ होली छैक
की दुख होइत छैक चतुर्थीक राति मे नहि बुझि सकबै
हँसी जँ आबए कहार सँ त बुझिऔ होली छैक
जहाँ कनही गाएक भिन्न बथान तहाँ सुन्न- मसान
होइ कोनो काज सभहँक विचार सँ त बुझिऔ होली छैक
सटै जँ ठोर अनचिन्हारक अनचिन्हार सँ त बुझिऔ होली छैक
बाजए जँ केओ प्यार सँ त बुझिऔ होली छैक
बेसी टोइया-टापर देब नीक नहि भाइ सदिखन अनवरत
निकलि जाइ जँ अन्हार सँ त बुझिऔ होली छैक
केहन- केहन गर्मी मगज मे रहै छैक बंधु
मनुख बचि जाए जँ गुमार सँ त बुझिऔ होली छैक
की दुख होइत छैक चतुर्थीक राति मे नहि बुझि सकबै
हँसी जँ आबए कहार सँ त बुझिऔ होली छैक
जहाँ कनही गाएक भिन्न बथान तहाँ सुन्न- मसान
होइ कोनो काज सभहँक विचार सँ त बुझिऔ होली छैक
रंग बिरंगक शब्द सजल ई रचना पढि-पढि झूमि रहल छी
जवाब देंहटाएंगजल तेहेन नशीला अछि भाई जे भांग पीने बिन घूमि रहल छी
रचना अहिना रचैत रहू भाई आ जुरबैत रहू सभ मैथिल के, अछि एतबहि टा प्रार्थना
अहाँ संग समस्त मैथिल आर मिथिला टीमक सदस्य के, फगुआ के शुभकामना
jhuma delahu
जवाब देंहटाएंसटै जँ ठोर अनचिन्हारक अनचिन्हार सँ त बुझिऔ होली छैक
जवाब देंहटाएंबाजए जँ केओ प्यार सँ त बुझिऔ होली छैक
बेसी टोइया-टापर देब नीक नहि भाइ सदिखन अनवरत
निकलि जाइ जँ अन्हार सँ त बुझिऔ होली छैक
केहन- केहन गर्मी मगज मे रहै छैक बंधु
मनुख बचि जाए जँ गुमार सँ त बुझिऔ होली छैक
की दुख होइत छैक चतुर्थीक राति मे नहि बुझि सकबै
हँसी जँ आबए कहार सँ त बुझिऔ होली छैक
जहाँ कनही गाएक भिन्न बथान तहाँ सुन्न- मसान
होइ कोनो काज सभहँक विचार सँ त बुझिऔ होली छैक
bah
gazal samrat anchinhar ji namaskar, pher ekta nik prastuti
जवाब देंहटाएंकेहन- केहन गर्मी मगज मे रहै छैक बंधु
जवाब देंहटाएंमनुख बचि जाए जँ गुमार सँ त बुझिऔ होली छैक
ehina likhait rahu
जहाँ कनही गाएक भिन्न बथान तहाँ सुन्न- मसान
जवाब देंहटाएंहोइ कोनो काज सभहँक विचार सँ त बुझिऔ होली छैक
rajendra VIMAL KE DIVALI MON PARI DELAHU
matra eketa shabd niklaiye bah
जवाब देंहटाएंबेसी टोइया-टापर देब नीक नहि भाइ सदिखन अनवरत
जवाब देंहटाएंनिकलि जाइ जँ अन्हार सँ त बुझिऔ होली छैक
nik anchinhar ji,
aab chinhar bhay gelahu sabhta dekhar kay
bad nik laGAL
जवाब देंहटाएंgazal sqamyik aa hridaysparshi achhi
जवाब देंहटाएंबहुत नीक प्रस्तुति।
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