गप नहि मानलहुं

अहां दोषी छी
अहां अपराधी छी
अहां चोर छी
अहां अभागल छी
अहां देशद्रोही छी
अहां स्वार्थी छी

ई गप हम नहि
काल कहि रहल अछि
ई गप हम नहि
इतिहास कहि रहल अछि
ई गप हम नहि
अहांक आत्मा कहि रहल अछि

अहां कहियो
आत्माक गप
नहि मानलहुं
समाजक फूइसगर
प्रतिष्ठाक पाछु भागैत रही
ताहि लेल छी दोषी

अहां कहियो
आत्माक गप
नहि मानलहुं
फूइसगर ठाठ-बाट लेल
घुइट-घुइट कए जिलहूँ जिनगी
ताहि लेल छी अपराधी

अहां कहियो
आत्माक गप
नहि मानलहुं
ख़ुद क नीक कहबाक लेल
अपन चैन चुराबैत छी
ताहि लेल ची चोर

अहां कहियो
आत्माक गप
नहि मानलहुं
ख़ुद कए भाग्यवादी देखबाक लेल
अभागल बनल रही
ताहि लेल छी अभागल
अहां कहियो
आत्माक गप
नहि मानलहुं
देश सेवाक जज्बा रहैत
देशकए लूटलहुं
ताहि लेल छी देशद्रोही

अहां कहियो
आत्माक गप
नहि मानलहुं
समाजक सेवा करैत-करैत
अपन सेवा करय लगलहुं
ताहि लेल छी स्वार्थी।

6 टिप्पणियाँ

मिथिला दैनिक (पहिने मैथिल आर मिथिला) टीमकेँ अपन रचनात्मक सुझाव आ टीका-टिप्पणीसँ अवगत कराऊ, पाठक लोकनि एहि जालवृत्तकेँ मैथिलीक सभसँ लोकप्रिय आ सर्वग्राह्य जालवृत्तक स्थान पर बैसेने अछि। अहाँ अपन सुझाव संगहि एहि जालवृत्त पर प्रकाशित करबाक लेल अपन रचना ई-पत्र द्वारा mithiladainik@gmail.com पर सेहो पठा सकैत छी।

  1. अहां कहियो आत्माक गप नहि मानलहुं समाजक फूइसगर प्रतिष्ठाक पाछु भागैत रहीताहि लेल छी दोषी
    अहां कहियो आत्माक गप नहि मानलहुं फूइसगर ठाठ-बाट लेल घुइट-घुइट कए जिलहूँ जिनगी ताहि लेल छी अपराधी
    अहां कहियो आत्माक गप नहि मानलहुं ख़ुद क नीक कहबाक लेल अपन चैन चुराबैत छी ताहि लेल ची चोर
    अहां कहियो आत्माक गपनहि मानलहुं ख़ुद कए भाग्यवादी देखबाक लेल अभागल बनल रही ताहि लेल छी अभागल अहां कहियो
    आत्माक गप नहि मानलहुं देश सेवाक जज्बा रहैत देशकए लूटलहुं ताहि लेल छी देशद्रोही

    अहां कहियो आत्माक गप
    नहि मानलहुं
    समाजक सेवा करैत-करैत
    अपन सेवा करय लगलहुं
    ताहि लेल छी स्वार्थी।

    वाह

    जवाब देंहटाएं
  2. अहां कहियो आत्माक गप
    नहि मानलहुं
    समाजक सेवा करैत-करैत
    अपन सेवा करय लगलहुं
    ताहि लेल छी स्वार्थी।

    neek vinit bhaiya

    जवाब देंहटाएं
  3. nik lagal
    अहां दोषी छी अहां अपराधी छी अहां चोर छी अहां अभागल छी अहां देशद्रोही छी अहां स्वार्थी छी
    ई गप हम नहि
    काल कहि रहल अछि
    ई गप हम नहि
    इतिहास कहि रहल अछि
    ई गप हम नहि
    अहांक आत्मा कहि रहल अछि

    अहां कहियो आत्माक गप नहि मानलहुं समाजक फूइसगर प्रतिष्ठाक पाछु भागैत रहीताहि लेल छी दोषी
    अहां कहियो आत्माक गप नहि मानलहुं फूइसगर ठाठ-बाट लेल घुइट-घुइट कए जिलहूँ जिनगी ताहि लेल छी अपराधी
    अहां कहियो आत्माक गप नहि मानलहुं ख़ुद क नीक कहबाक लेल अपन चैन चुराबैत छी ताहि लेल ची चोर
    अहां कहियो आत्माक गपनहि मानलहुं ख़ुद कए भाग्यवादी देखबाक लेल अभागल बनल रही ताहि लेल छी अभागल अहां कहियो
    आत्माक गप नहि मानलहुं देश सेवाक जज्बा रहैत देशकए लूटलहुं ताहि लेल छी देशद्रोही

    अहां कहियो आत्माक गप
    नहि मानलहुं
    समाजक सेवा करैत-करैत
    अपन सेवा करय लगलहुं
    ताहि लेल छी स्वार्थी।

    bar nik lagal

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  4. अहां दोषी छी अहां अपराधी छी अहां चोर छी अहां अभागल छी अहां देशद्रोही छी अहां स्वार्थी छी
    ई गप हम नहि
    काल कहि रहल अछि
    ई गप हम नहि
    इतिहास कहि रहल अछि
    ई गप हम नहि
    अहांक आत्मा कहि रहल अछि

    अहां कहियो आत्माक गप नहि मानलहुं समाजक फूइसगर प्रतिष्ठाक पाछु भागैत रहीताहि लेल छी दोषी
    अहां कहियो आत्माक गप नहि मानलहुं फूइसगर ठाठ-बाट लेल घुइट-घुइट कए जिलहूँ जिनगी ताहि लेल छी अपराधी
    अहां कहियो आत्माक गप नहि मानलहुं ख़ुद क नीक कहबाक लेल अपन चैन चुराबैत छी ताहि लेल ची चोर
    अहां कहियो आत्माक गपनहि मानलहुं ख़ुद कए भाग्यवादी देखबाक लेल अभागल बनल रही ताहि लेल छी अभागल अहां कहियो
    आत्माक गप नहि मानलहुं देश सेवाक जज्बा रहैत देशकए लूटलहुं ताहि लेल छी देशद्रोही

    अहां कहियो आत्माक गप
    नहि मानलहुं
    समाजक सेवा करैत-करैत
    अपन सेवा करय लगलहुं
    ताहि लेल छी स्वार्थी।

    nik nik nik bad nik

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