नीक लोक

नीक लोक ओ
जे रहैत छैक ईमानदार
बेइमानी जखन धरि
रहैत अछि नुकायल

नीक लोक ओ
जे रहैत छैक सत्यवादी
पकड़ल नहि जाइत छैक
जखन धरि झूठ

नीक लोक ओ
जे रहैत छैक संस्कारी
जखन धरि आगू नहि
आबैत अछि राक्षसी प्रवृति
नीक लोक ओ
जे रहैत छैक विश्वासी
जखन धरि मुंह नहि
खोलैत अछि धोखा पाउल लोक
नीक लोक ओ
जे नहि करत अश्लील गप
जखन धरि आगू नहि
आबैत अछि कामक प्रस्ताव

नीक लोक ओ
जे करत लोक संग मीठ गप
जखन धरि आगू नहि
आबैत छैक प्रताड़ित पत्नी.

4 टिप्पणियाँ

मिथिला दैनिक (पहिने मैथिल आर मिथिला) टीमकेँ अपन रचनात्मक सुझाव आ टीका-टिप्पणीसँ अवगत कराऊ, पाठक लोकनि एहि जालवृत्तकेँ मैथिलीक सभसँ लोकप्रिय आ सर्वग्राह्य जालवृत्तक स्थान पर बैसेने अछि। अहाँ अपन सुझाव संगहि एहि जालवृत्त पर प्रकाशित करबाक लेल अपन रचना ई-पत्र द्वारा mithiladainik@gmail.com पर सेहो पठा सकैत छी।

  1. नीक लोक ओ जे रहैत छैक सत्यवादी पकड़ल नहि जाइत छैक जखन धरि झूठ

    bah

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  2. oh mon mast bha jai ye ee blog dekhi kay,नीक लोक ओ
    जे रहैत छैक ईमानदार
    बेइमानी जखन धरि
    रहैत अछि नुकायल
    नीक लोक ओ जे रहैत छैक सत्यवादी पकड़ल नहि जाइत छैक जखन धरि झूठ
    नीक लोक ओ जे रहैत छैक संस्कारी जखन धरि आगू नहि आबैत अछि राक्षसी प्रवृति नीक लोक ओ जे रहैत छैक विश्वासी जखन धरि मुंह नहि खोलैत अछि धोखा पाउल लोक नीक लोक ओजे नहि करत अश्लील गपजखन धरि आगू नहि आबैत अछि कामक प्रस्ताव
    नीक लोक ओ जे करत लोक संग मीठ गप जखन धरि आगू नहि आबैत छैक प्रताड़ित पत्नी.

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  3. ठीके कहलहुँ विनीत जी। हवा एहने बहल अछि आइ काल्हि।

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  4. बड्ड नीक भावना बिन्दु सभ। संवृत सोच आ भावनाक स्फुरण।

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