अहिं सं प्रीत करैत छी
हमरा जुनी बुझु आन
अहिं छी हमर जान
कहैछी बात गोरी हम धर्म इमान सं
प्रेम करैछी अहां सं हम दिलोजान सं
दूर जाऊ यौ दीवाना
हमरा लग नै आबू
खोजू दोसैर ठिकाना
हमरा नै बह्काबू
बात हमर मानु यौ करू नै अहां नादानी
भैया हमर मोन पाडी देता अहांक नानी
जयपुर सं लहँगा लेलौं
वनारस सं वनारसी साड़ी
जगमग करत रूपक ज्योति
देव अंग अंग हम हिरामोती
भेलू हम दीवाना गोरी देख अहांक रूपरंग
मोन होइय अहांक हाथ पकरी चली संग
अटरपटर अहां येना किये बजैत छी
लेफ्ट राइट आगू पछु किये करैत छी
हमरा नै सिखाबू अहां प्रेमक परिभाषा
हम जनैतछी अहांक मोनक अभिलाषा
नै चाही हमरा हिरामोती आर अहांक लहँगा साड़ी
बापक प्यारी म्याके दुलारी हम थिक मिथिलाक नारी
रचनाकार:-प्रभात राय भट्ट

sundar
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