माँ मिथिला के अर्पित हमर मैथिली गीत

हेयो भैया, हे गइ बहिना, हेयो भैया,
हम सभ मिथिलाक संतान,
करू अहाँ अपन मातृभूमिपर गुमान,
हेयो भैया.............


सगर दुनियाँमे नै हमरा सभ एहेन संस्कार,
अछि कृपा भवानीक हमरा सभपर अपार,
करू नै अपन मातृभूमिक आब अपमान,


हेयो भैया, हे गइ बहिना, हेयो भैया,
हम सभ मिथिलाक संतान,
करू अहाँ अपन मातृभूमिपर गुमान,


जते जन्म लेलनि गोसाँइ लक्ष्मीनाथ महान,
कवि विद्यापतिक सगर सुनु बखान,
ऐ पावन भूमिक मंडन मिश्र संतान,
हेयो भैया.............


कहैत अछि "जितू" खोलू अहाँ अपन कान,
आबू सभ मिल कऽ छेरी एक नव अभियान,
अछि वादा...... अछि वादा.....
अछि वादा, माँ मिथिलाकेँ देब सम्मान,


हेयो भैया, हे गइ बहिना, हेयो भैया,
हम सभ मिथिलाक संतान,
करू अहाँ अपन मातृभूमिपर गुमान,
हेयो भैया.............

2 टिप्पणियाँ

मिथिला दैनिक (पहिने मैथिल आर मिथिला) टीमकेँ अपन रचनात्मक सुझाव आ टीका-टिप्पणीसँ अवगत कराऊ, पाठक लोकनि एहि जालवृत्तकेँ मैथिलीक सभसँ लोकप्रिय आ सर्वग्राह्य जालवृत्तक स्थान पर बैसेने अछि। अहाँ अपन सुझाव संगहि एहि जालवृत्त पर प्रकाशित करबाक लेल अपन रचना ई-पत्र द्वारा mithiladainik@gmail.com पर सेहो पठा सकैत छी।

  1. Geet nik likhal gel aichh. Hamra sab k jaruri aichh ki ahi bat par dhyab diye

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  2. एकदम नीक बात लिखने छी.
    हेयो भैया, हे गइ बहिना, हेयो भैया,
    हम सभ मिथिलाक संतान,
    करू अहाँ अपन मातृभूमिपर गुमान

    जवाब देंहटाएं

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