(१) गम कें गमसँ गुजारिस होइत अछि,
ख़ुशीसँ गम कें सिफारिस होइत अछि,
असगर में बैस कs याद करब अपन कें,
फेर देखब आईख सँ कोना बारिश होइत अछि
(२) दिल के पास मs अहाँकें घर बने लेलों,
ख्वाब में अहाँकें हम बसे लेलों,
जून पुछू कतेक "जितू" चाहैत छैथ अहाँ कें,
अहिंक सभ खता कs हम अपन मुकद्दर बने लेलों!
(३) दर्दक दिबार पर फरियाद लिखल करै छी,
सभ रैत असगरे मs आबाद करै छी,
हे भगवान् हुनका अहाँ खुश राखब,
जिनका हम अहूँ सs बेसी याद करल करै छी!
(४) रैतक खामौशी रास नै आबैत अछि,
हमर छाहों हमरा पास नै आबैत अछि,
आबैत अछि खाली याद अहिं कें,
जे एलाक बाद कखनो हमरा सँ दूर नै जायत अछि!
(५) एक नजरक आस में रैह जायब,
ऐना नै देखू हमरा देखते रैह जायब,
बेझिझक कहू "जितू" सँ अपन हाल-ए-दिल,
सोचब तें जिनगी भैर सोचते रैह जायब!
ख़ुशीसँ गम कें सिफारिस होइत अछि,
असगर में बैस कs याद करब अपन कें,
फेर देखब आईख सँ कोना बारिश होइत अछि
(२) दिल के पास मs अहाँकें घर बने लेलों,
ख्वाब में अहाँकें हम बसे लेलों,
जून पुछू कतेक "जितू" चाहैत छैथ अहाँ कें,
अहिंक सभ खता कs हम अपन मुकद्दर बने लेलों!
(३) दर्दक दिबार पर फरियाद लिखल करै छी,
सभ रैत असगरे मs आबाद करै छी,
हे भगवान् हुनका अहाँ खुश राखब,
जिनका हम अहूँ सs बेसी याद करल करै छी!
(४) रैतक खामौशी रास नै आबैत अछि,
हमर छाहों हमरा पास नै आबैत अछि,
आबैत अछि खाली याद अहिं कें,
जे एलाक बाद कखनो हमरा सँ दूर नै जायत अछि!
(५) एक नजरक आस में रैह जायब,
ऐना नै देखू हमरा देखते रैह जायब,
बेझिझक कहू "जितू" सँ अपन हाल-ए-दिल,
सोचब तें जिनगी भैर सोचते रैह जायब!
bah
जवाब देंहटाएंएक टिप्पणी भेजें
मिथिला दैनिक (पहिने मैथिल आर मिथिला) टीमकेँ अपन रचनात्मक सुझाव आ टीका-टिप्पणीसँ अवगत कराऊ, पाठक लोकनि एहि जालवृत्तकेँ मैथिलीक सभसँ लोकप्रिय आ सर्वग्राह्य जालवृत्तक स्थान पर बैसेने अछि। अहाँ अपन सुझाव संगहि एहि जालवृत्त पर प्रकाशित करबाक लेल अपन रचना ई-पत्र द्वारा mithiladainik@gmail.com पर सेहो पठा सकैत छी।