हम अपन ई रचना अपना देशक नौजवान शहीद के स्वाधीनता दिवस के उपलक्ष्य में समर्पित करैत छी I
नमन करै छी ओहि वीर पुरुष केजे अपन वीर बलिदान देलन्हि अछि
धन्य थिकी ओहि वीरक जननी
जे जन्म एहेन संतान देलन्हि अछि
प्रबल प्रेम आ नि:स्वार्थक बल पर
तन-मन-प्राण केलन्हि न्यौछावर
श्रद्धा सिंचित पवित्र ह्रदय स'
अंतिम साँस धरि देलन्हि आदर
देश भक्ति में एहेन शक्ति छल
जाहि स' दुश्मन भेल धराशायी
धरती माँ के एहेन सपूत स'
भ' भयत्रस्त परायल अन्यायी
राष्ट्र प्रेम में मग्न ततेक जे
बिसरल माय, बहिन, घरवाली के
रोज विजयपर्वक अभिलाषा में
सुधि रहलै नै छैठ, दिवाली के
रोम-रोम करैत अछि वंदन
क'र जोडि करी पुष्पांजलि
मातृभूमि के हे रक्षक स्वीकारू
मनीषक भावभीनि श्रद्धांजलि
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मनीष झा "बौआभाई"
ई-मेल :manishjhaonline@gmail.com
ब्लॉग : http://manishjha1.blogspot.com/
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Bauabhai apnek kavita deshak sheed jaban ke ekta shradhanjli arpit ka rahal achhi..ekhunka samya me kam lok deshak bir jaban ke mon rakhait chhaith muda apnek kavita awahan seho ka rahal achhi..apnek kavita jhalak mithila me seho padhne rahi...dhanyabad..
जवाब देंहटाएंराष्ट्र प्रेम में मग्न ततेक जे
जवाब देंहटाएंबिसरल माय, बहिन, घरवाली के
रोज विजयपर्वक अभिलाषा में
सुधि रहलै नै छैठ, दिवाली के
bad neek
देश भक्ति में एहेन शक्ति छल
जवाब देंहटाएंजाहि स' दुश्मन भेल धराशायी
धरती माँ के एहेन सपूत स'
भ' भयत्रस्त परायल अन्यायी
bad neek bhai
khoobe sunder.
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