युगान्त
-हे सुनै छी की?
-हँ माँ कहथु ने, की कहै छथि।
-आइ रीता दाइ अबै छै।
-से की?
-से घर आँगन नीप लिअ। तिलकोड़, पापर, राहड़िक दालि, बड़ी सब सकाले कके राखि लिअ।
-बेस! एतऽ हम हिनका दुनु बेकतीक सेवाक लेल छियैनि। हिनका बेटी जमाय लेल नै। अबैत छथिन एहि बेर अपने गाम, चल जेबनि संगे। लऽ लिहथि तखन धधकल..कहलकै जे..!!
अधिकार
-एकटा बात ध्यानसँ सुनि ले लखना, जँ बेगारी नै खटमे हमर आ अबाज ऊँच कके बजमे तऽ बासडीह जे छउ तकरा खाली करऽ पड़तउ। हमर पुरखा तोरा बाप-पुरखाक रैयतमे अपना जमीनपर बसेने छला एहि उपकार ले जे तू हमरा मूँह लागल जबाब देमे।
-तकर माने की अहाँ हमर उपजल बोनि नै देब आ अहाँक बेटा-भातिज हमर इज्जति दिस आँखि उठायत। हाथ-पैर तऽ तोड़ि देबै तकर। हँ रहल बासडीह बला सवाल से एते सस्ता नै छैक जे खाली करबा देब अहाँ। दस-बीस साल जे बटाइयो खेती करै छै तऽ सरकार कहै छै जे खेत ओकरे छियै आ दू पाँच पुरखा सऽ जाहि डीहपर बसल छी हम सब से हम्मर नै! हाकिमक देल बासगीत परचा सेहो अछि हमरा लग।
-हे सुनै छी की?
-हँ माँ कहथु ने, की कहै छथि।
-आइ रीता दाइ अबै छै।
-से की?
-से घर आँगन नीप लिअ। तिलकोड़, पापर, राहड़िक दालि, बड़ी सब सकाले कके राखि लिअ।
-बेस! एतऽ हम हिनका दुनु बेकतीक सेवाक लेल छियैनि। हिनका बेटी जमाय लेल नै। अबैत छथिन एहि बेर अपने गाम, चल जेबनि संगे। लऽ लिहथि तखन धधकल..कहलकै जे..!!
अधिकार
-एकटा बात ध्यानसँ सुनि ले लखना, जँ बेगारी नै खटमे हमर आ अबाज ऊँच कके बजमे तऽ बासडीह जे छउ तकरा खाली करऽ पड़तउ। हमर पुरखा तोरा बाप-पुरखाक रैयतमे अपना जमीनपर बसेने छला एहि उपकार ले जे तू हमरा मूँह लागल जबाब देमे।
-तकर माने की अहाँ हमर उपजल बोनि नै देब आ अहाँक बेटा-भातिज हमर इज्जति दिस आँखि उठायत। हाथ-पैर तऽ तोड़ि देबै तकर। हँ रहल बासडीह बला सवाल से एते सस्ता नै छैक जे खाली करबा देब अहाँ। दस-बीस साल जे बटाइयो खेती करै छै तऽ सरकार कहै छै जे खेत ओकरे छियै आ दू पाँच पुरखा सऽ जाहि डीहपर बसल छी हम सब से हम्मर नै! हाकिमक देल बासगीत परचा सेहो अछि हमरा लग।
नीक प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंdunu katha neek lagal
जवाब देंहटाएंneek lagal
जवाब देंहटाएंएक टिप्पणी भेजें
मिथिला दैनिक (पहिने मैथिल आर मिथिला) टीमकेँ अपन रचनात्मक सुझाव आ टीका-टिप्पणीसँ अवगत कराऊ, पाठक लोकनि एहि जालवृत्तकेँ मैथिलीक सभसँ लोकप्रिय आ सर्वग्राह्य जालवृत्तक स्थान पर बैसेने अछि। अहाँ अपन सुझाव संगहि एहि जालवृत्त पर प्रकाशित करबाक लेल अपन रचना ई-पत्र द्वारा mithiladainik@gmail.com पर सेहो पठा सकैत छी।