हम पहिल बेर अपने लोकनिक सेवा मे गीत प्रस्तुत कए रहल छी।
छौड़ी चलै छैक एटम-बम के चालि (२)
हे रे - छौड़ी -----
जेम्हरे चलै, भुइयाँ डोलै
छौड़ा सभहँक फटै छैक मालि
छौड़ी चलै ---------
अँचरा ओकर फेकै छैक धधरा
कारी केश तँ लागै छैक बदरा
ठोर पर छैक भोरक सूरज
आँखि ओकर कमला-धार
छौड़ी चलै ---------
हम तँ बूझू सगरो देखल
रूप मुदा एहन नहि भेटल
डाँड़ लचका कए मोन भरछाबै
छाती ओकर दै हिया सालि
छौड़ी चलै ---------
रूप ओकर छैक चानी पीटल
छाँह ओकर बड़ शीतल-शीतल
मोन हमर तँ ओकरे पर रीतल
हमरे भेटतै आइ ने काल्हि
छौड़ी चलै ---------*
बेहतरीन अभिव्यक्ति!
जवाब देंहटाएंneek geet lagal
जवाब देंहटाएंDHANYBAD, JEETU JI....
जवाब देंहटाएंBAD NIK LAGAL AHANKE E SITE... ASHA KARAI CHHI KI MITHILA KA AA MAITHILI KE PYAR KARNIHAR LOK KE BAD NIK LAGAT E SITE..
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