मनुख आ जानवर

आय फरियाइल जाय

अपना सब मनुख छि या जानवर

किये कि दूनू में छैक

जमीन आ आसमानक अंतर

एकटा पेटक लेल रहैत अछि ललायत

एकटा परिवारक लेल रहैत अछि कपसैत

एकटा झूइठ प्रतिष्ठाक लेल करैत अछि छल-प्रपंच

एकटा पाय-कौड़ीक लेल घड़ी-घड़ी करैत अछि नौटंकी

एकटा मानसिक संतुष्टि लेल बौराबैत अछि दिन-राति

एकटा शारीरिक संतुष्टि लेल होइत अछि व्याभिचारी

एकटा पैर पर ठाढ़ भेलाक बाद माई-बाप कऽ दैत अछि लाइत

दोसर तऽ छैन चार-टा टांग बाला

अपन पेट भरलाक बाद दैत छैक दोसर कऽ मौका

सभकियो आ॓कर सहोदर छैन

झूइठ लेल प्राण नहि गमबैत अछि

दोसर नहि बौराइत अछि

मानसिक वा शारीरिक संतुष्टि लेल

पाइर पर ठाढ़ भेलाक बाद

माय-बाप स्वतंत्र कऽ दैत अछि

अहिना मे,

के ककरा सऽ उत्तम

ई कहैक गप नहि अछि

मन सऽ सोचैत, आत्मा सऽ परखैत

निश्चित करू कि नीक के

मनुख आ जानवर।

3 टिप्पणियाँ

मिथिला दैनिक (पहिने मैथिल आर मिथिला) टीमकेँ अपन रचनात्मक सुझाव आ टीका-टिप्पणीसँ अवगत कराऊ, पाठक लोकनि एहि जालवृत्तकेँ मैथिलीक सभसँ लोकप्रिय आ सर्वग्राह्य जालवृत्तक स्थान पर बैसेने अछि। अहाँ अपन सुझाव संगहि एहि जालवृत्त पर प्रकाशित करबाक लेल अपन रचना ई-पत्र द्वारा mithiladainik@gmail.com पर सेहो पठा सकैत छी।

एक टिप्पणी भेजें

मिथिला दैनिक (पहिने मैथिल आर मिथिला) टीमकेँ अपन रचनात्मक सुझाव आ टीका-टिप्पणीसँ अवगत कराऊ, पाठक लोकनि एहि जालवृत्तकेँ मैथिलीक सभसँ लोकप्रिय आ सर्वग्राह्य जालवृत्तक स्थान पर बैसेने अछि। अहाँ अपन सुझाव संगहि एहि जालवृत्त पर प्रकाशित करबाक लेल अपन रचना ई-पत्र द्वारा mithiladainik@gmail.com पर सेहो पठा सकैत छी।

और नया पुराने