अन्हारक सत्ता-कामिनी

घरमे पसरल अछि
बहुत रास अन्हार
आ बाहर टिप-टिप करैत
बरसि रहल अछि
घमाघट मेघ
सोझाँक उछाल खत्तामे
गाबि रहल अछि मल्हार
मदमस्त ढौसा बेंग
लोक कहैत अछि
एहि बेरुका बरसातमे
टूटि क’ रहतै बान्ह
महार पर जएबाक तैयारी
क’ नेने छै लोक
एक टा आतंक
पसरल अछि चारू कात
भय निराशा आ मोह
घेरने अछि चारू कातसँ
सलाइक काठीसँ
निकालै छै इजोत
आ क्षण भरिमे
अन्हार चाँपि लै छै ओकरा
अपनामे
अन्हारक सम्पूर्ण सत्ता
व्याप्त अछि हमरा चारू कात
आ विलीन क’ लेबए चाहैत अछि
अपनामे
एहि घरक सम्पूर्ण व्यवस्थाकें।

4 टिप्पणियाँ

मिथिला दैनिक (पहिने मैथिल आर मिथिला) टीमकेँ अपन रचनात्मक सुझाव आ टीका-टिप्पणीसँ अवगत कराऊ, पाठक लोकनि एहि जालवृत्तकेँ मैथिलीक सभसँ लोकप्रिय आ सर्वग्राह्य जालवृत्तक स्थान पर बैसेने अछि। अहाँ अपन सुझाव संगहि एहि जालवृत्त पर प्रकाशित करबाक लेल अपन रचना ई-पत्र द्वारा mithiladainik@gmail.com पर सेहो पठा सकैत छी।

  1. सोझाँक उछाल खत्तामे
    गाबि रहल अछि मल्हार
    bahut nik bahin kanini ji

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  2. घरमे पसरल अछि
    बहुत रास अन्हार
    आ बाहर टिप-टिप करैत
    बरसि रहल अछि
    घमाघट मेघ
    सोझाँक उछाल खत्तामे
    गाबि रहल अछि मल्हार
    मदमस्त ढौसा बेंग
    लोक कहैत अछि
    एहि बेरुका बरसातमे
    टूटि क’ रहतै बान्ह
    महार पर जएबाक तैयारी
    क’ नेने छै लोक
    एक टा आतंक
    पसरल अछि चारू कात
    भय निराशा आ मोह
    घेरने अछि चारू कातसँ
    सलाइक काठीसँ
    निकालै छै इजोत
    आ क्षण भरिमे
    अन्हार चाँपि लै छै ओकरा
    अपनामे
    अन्हारक सम्पूर्ण सत्ता
    व्याप्त अछि हमरा चारू कात
    आ विलीन क’ लेबए चाहैत अछि
    अपनामे
    एहि घरक सम्पूर्ण व्यवस्थाकें।
    ati sundar

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