गणपति बप्पा मोरया केर नाम स गुँजत गुजरात , महाराष्ट्र संग पूरा भारत ।



सुरत[प्रणव चौधरी] : गणेश चतुर्थीक पाबैनक शुभ अवसर पर हार्दिक शुभकामना आ  अभिनंदन मिथिला दैनिक टीमक  ज्ञापित करैत आइछ , भक्तिमय वातावरण में "भगवान श्री गणेश" हमरालोकैन कें आध्यात्मिक ज्ञान प्रदान करैथ।
हमरालोकनिक जीवन श्रेष्ठ बनय, समस्त विघ्नक विनाश हो, करूणा, प्रेम एवं सद्भावना रूपी स्नेह सदैव बनल रहय जाहि सँ जीवन मे आनंदक भव्य आध्यात्मिकताक भाव संचरित होइत रहैय।
गणेश चतुर्थी पाबैन 13 सितंबर सs  शुरू होयत।घर-घर गणपति बप्पा मेहमान बैनक अगिला 10 दिन तक विराजमान हेता। एही पाबैनक ल क जगह-जगह स्टेज पंडाल लगाओल गेल अछि।


गणेश मूर्ति स्थापनाक शुभ मुहूर्त:

12 सितंबर कँ शाझ 4:53 सेँ शाझ 6:27 बजे तक,फेर शाझ मे 7:54 सेँ राइतक 10:47 बजे तक मूर्ति स्थापित कैल जा सकैते अछि। मुद्दा मुहूर्त साँझ में भेला केँ कारण 13 सs पूजा शुरु होयत ।
13 सितंबर कँ चौघड़ियाक अनुसार भोरे छह बजे सेँ सुबह 7:34 बजे तक, दुपहर 10:40 सेँ दोपहर 2:51 बजे तक  मूर्ति स्थापना क सकैए छी।


गणेश चतुर्थी केर महत्व

चतुर्थीक संबंध चंद्रमा सs अछि आओर चंद्रमा केर मन स , गणेश चतुर्थी मनेबाक पीछा धार्मिक प्रसंग जुड़ल अछि।एही दिन गणेश भगवानक प्राकट्य दिवस मनाओल जाइत अछि। एक दिन जखन माता पार्वती मानसरोवर में स्नान करबाक लेल गेल छेली, तs अप्पन बेटा गणेश केँ पार्वती पहरा देबाक लेल कहने छली।एतबे में भगवान शिव ओहि जगह पहुंच गेलैथ, मूदा गणेश अपन पिता के अंदर जाए सs रोइक देलखीं। जेहि पर भगवान शिव क्रोध मे आइब कs त्रिशुल सs गणेशक सिर काइट देलक। जाहिके बाद पार्वती माताक क्रोधित होबैए पर गणेश केर हाथी केँ सिर लगाक पुनर्जीवित कैल गेल। ओहि दिन  सs गणेश भगवान केर गजानन कइह कs पुकारल जैए लागल।
#शुभकामना  #गणेश पूजाक #समस्त मिथिलावासी #मैथिली समाचार