दहेज मुक्त मिथिला जे मिथिलामे व्याप्त दहेज सन कुप्रथाक अंत वास्ते चलाओल गेल एकटा संस्थागत अभियान अछि। अहि संस्थाक संरक्षक पद पर आसीन 'गुरुजी'केँ नामसँ प्रचलित पंडित धर्मानन्द झा केर दहेज उत्पीड़न मामलामे संस्थाक संरक्षक समेत समस्त प्रभावसँ निष्कासित कयल जेबाक समाद भेटल अछि।
संस्थाक अन्तर्राष्ट्रीय संयोजक श्री प्रवीण नारायण चौधरीकेँ आग्रह पर मुम्बई स्थित मैथिली भाषी आओर मैथिल समाजक विभिन्न संस्थाक वरिष्ठ समाजसेवी एवं दमुमि केर पूर्व अध्यक्ष श्री पंकज झा केर संयोजनमे जुलाई 29, 2018 रविदिन एकटा महाबैसारक आयोजन कयल गेल छल। समस्त वरिष्ठ मैथिल समाज संग कन्या पक्ष आओर वर पक्ष केँ एकठाम बैसिकय, हुनका लोकनिक पक्ष बुझि समाज द्वारा समाधान, सुझाव व पीड़ित पक्ष केँ न्याय दियेबाक मूल उद्देश्य सँ राखल गेल महाबैसारमे सामाजिक लोक संग कन्या पक्ष उपस्थित भेलाह, मुदा वर पक्ष उक्त महाबैसारमे अपन उपस्थित होबाक वचनबद्धता केँ खंडित करैत बैसारसँ ठीक ३ घंटा पहिने लड़का अहि बैसार लेल राजी नहि होबाक संगहि अहि लड़की संग आगाँ भविष्यमे अपन जिनगी यापन नहि कय सकबाक, भले जेल खटब वा आत्महत्या कय लेब सन अनर्गल गप लिखि तय बैसारक बहिष्कार करबाक सूचना देलखिन। जनतब हो जे उक्त बैसार दहेज मुक्त मिथिला द्वारा राखल गेल छलैक ताहि हेतु निरस्त सेहो नहि कयल जा सकैत छलैक, चूँकि समाजक लोकसभ उपस्थित छलथिन आओर समाज सर्वोपरि होएत छैक। अन्तोगत्वा बैसार कराओल गेलैक जाहिमे समस्त उपस्थित वरिष्ठ मैथिल सामाजिक लोक कन्या पक्षक सम्पूर्ण व्यथा सुनलखिन। किछुगोटे जे विवाहसँ वर्तमान परिस्थिति धरि सभतरहक गपसँ भिज्ञ छलखिन ओ सभकियो अहि गंभीर मुद्दा पर सामूहिक विचार कयलनि। सभकियो एक स्वरमे निर्णय लेलनि जे, जे लड़का सामाजिक बैसार धरि में उपस्थित नहि होबाक गप कहि एकर बहिष्कार कयलक अछि, समाजक बात नहि मानबाक गप बैसारसँ किछुए घंटा पूर्व दूरभाष सँ सूचना देलक अछि, ताहि हेतु आरोपी लड़का पक्षकेँ समाजसँ बहिष्कार कयल जाय आओर कानूनी लड़ाई लड़ि कन्या पक्षकेँ समुचित न्याय दिएबाक वचनबद्धता संग एकजुट भेल जाय।
विदित हो जे पंडित धर्मानन्द झा मुम्बईके वर्ली स्थित एकटा प्रसिद्ध धर्मस्थल जरी मरी माता मंदिरके पुजारी छथि। पूर्वमे हिनक उदार व्यक्तित्व, दहेज मुक्त मिथिला द्वारा दहेजरूपी दानवक संहार हेतु समाजहितमे चलाओल जा रहल अभियानमे कयल गेल प्रयाश लेल दमुमि संस्था आओर अनेकानेक मैथिल संगहि मंच द्वारा 'गुरुजी' सन उम्दा सम्मान आ संज्ञाक उपाधि प्रदान कयल गेल छलनि। मुदा किनको ई नहि बुझल जे धार्मिक गेरुआ वस्त्र रूपी चोलाक भीतर एकटा पाखंडी, धूर्त आत्माके वास छैक जे अपन कुपुत्रक वियोगमे अभियानी सँ अभिमानी स्वरूप धारण करैत दबंगई सँ कानूनी लड़ाई लड़ि जीत हासिल करबाक नियार कयलनि अछि। हिनका लेल पहिने जे समाज सर्वोपरि छल आय ओकरा बहिष्कार करबाक दुस्साहस कयलनि अछि। अनेकानेक मैथिल सांस्कृतिक मंच पर सबसँ आगाँक पांतिमे बैसिकय पाग, दोपट्टा पहिर सम्मान प्राप्त कयनिहार 'गुरुजी' आय अपन कुपुत्रक संगतमे विवेकहीन बनि अपन समस्त प्राप्त मान-सम्मानकेँ क्षणमे धूमिल कय लेलनि अछि।
हालांकि सत्य केँ जीत निश्चित होएत छैक, भले देरे सही मुदा एक ने एकदिन जगविदित होइते छैक, तहिना देरे सँ सही मुदा दहेज मुक्त मिथिला सन स्वच्छ अभियानके पाखंडी संरक्षक सँ छुटकारा भेंटब सेहो एकटा सुखद समाचार भए सकैछ।