दरभंगाः[प्रणव चौधरी] रेलवे केर स्वर्णिम इतिहास स दरभंगा महाराज के पुराण नाता रहल आई । अंग्रेजी हुकूमत के दौरान महाराज ने तिरहुत स्टेट रेलवे कंपनी बना खुद अप्पन रेलगाड़ी चलबेने छेलैथ। कैको स्टेशनक निर्माण सेहो कैल गेल छल। पूर्व मध्य रेलवे हुनक 145 वर्ष पुरान एगो इंजन के धरोहरक रूप में संरक्षित कैल जैत।ओही इंजन केर दरभंगा स्टेशन पर लगेबाक लेल समस्तीपुरक रेल मंडलक प्रबंधक अखन किछु दिन पहिले सरकार के पत्र भेजलैथ यै। अनुमति मिलबाक देरी अछि अनुमति मिलैत काम शुरू कैल जैत।
एही स पहिले दुगो इंजन भ चुकल अछि संरक्षित
रेलवे एहीस पहिले दुए जगह पर दरभंगा राजक रेल इंजनक संरक्षित कैल जा चुकल अछि। हाजीपुरक जोन कार्यालय में तिरहुत स्टेट रेलवे केर इंजनक धरोहर केर रूप में रखाओल गेल अछि। समस्तीपुर डीआरएम कार्यालय में सेहो एगो इंजन संरक्षित कैल गेल अछि।आब दरभंगा राजक बंद परल सकरी चीनी मिल में रेल इंजन केर जंग खा रहल अछि।आब एही के संरक्षित करबाक जरूरत अछि।
समस्तीपुरक रेल मंडल ,डीआरएम रविंद्र जैन कहलैथ कि 'तिरहुत स्टेट रेलवे केर इंजन के दरभंगा जंक्शन पर लगेबाक योजना अछि। पत्र भेजल गेल अछि। अनुमति मिलैत आगा केर कार्यवाही कैल जैत।'