रांची : झारखंड सरकार द्वारा मगही, भोजपुरी संगहि मैथिली केर दोसर राजभाषाक दर्जा देबाक निर्णय लेल जेबाक खबैरसँ झारखंड प्रवासी मैथिल संगहि समूचा मिथिलावासी एकबेर फेरो गौरवान्वित अनुभव कए रहलाह छथि। बिहार राजभाषा (संशोधित झारखंड) अध्यादेश 2018 केँ माध्यमसँ उपरोक्त सभ भाषाकेँ दोसर राजभाषाक दर्जा देल जायत। अध्यादेशके प्रारूप पर बुधदिन झारखंड कैबिनेट अपन स्वीकृति प्रदान कएलनि अछि। जेकरा आब राज्यपाल केर ओहिठाम पठाओल जायत, राज्यपालके स्वीकृति भेटैते सम्पूर्ण राज्य भरिमे एकरा लागू कए देल जायत। एहिसँ पहिने सरकार 12 टा आरओ भाषाकेँ जाहिमे खोरठा, संथाली, बांग्ला, उर्दू, नागपुरी, कुरुख, मुंडारी, हो, उड़िया, कुरमाली, पंचपरगनिया आ खड़िया भाषाकेँ दोसर राज्यभाषाक दर्जा प्रदान कए चुकल अछि। आब झारखण्डमे कुल मिलाकय 16 टा भाषा दोसर राजभाषाक रूपमे लागू भए जायत।
राज्यपालके स्वीकृति पश्चात लागू होयत फैसला
आउ एक नजैर देखि कतए-कतए कोन भाषा बाजल जाएत अछि.?
मगही : लातेहार, पलामू आओर गढ़वा।
भोजपुरी : लातेहार, पलामू आओर गढ़वा।
मैथिली : जमशेदपुर, दुमका, देवघर, गोड्डा आओर साहेबगंज।
अंगिका : दुमका, जामताड़ा, देवघर, गोड्डा, साहेबगंज आओर पाकुड़।
बताओल जा रहल अछि जे सरकार जनभावनाकेँ देखिकय अहितरहक फैसला लेबैक लेल विवश भेलाह आओर अन्तमे उपरोक्त सभ भाषाकेँ दोसर राजभाषाक दर्जा देबाक निर्णय सुनिश्चित कएल गेल।
झारखण्डमे 6.82℅ लोक मगही तs ओतहि 2.44℅ लोक द्वारा भोजपुरी बाजल जाएत अछि। साल 2001 केर जनगणनाके आधार बनाकाय अहि भाषाकेँ दोसर राज्यभाषाक रूपमे दर्जा देबाक निर्णय लेल गेल अछि। जनगणना केर आंकड़ा देखल जाय तs झारखण्डमे 18.36 लाख लोक मगही बाजैत अछि जे कुल आबादी केर 6.82% अछि। एनाही 6.56 लाख लोक अर्थात 2.44% लोक द्वारा भोजपुरी, 1.41 लाख लोक अर्थात 0.52% लोक मैथिली बाजै बला छथि। एहिठाम बता दी जे अंगिका केर जनगणना सूचीमे शामिल नहि कएल गेल छैक, मुदा संथाल केर लगभग सभ जिलामे अंगिका भाषा बाजनिहारक संख्यां विशेष छैक। एकरा पाछू तर्क देल गेलैक अछि जे अंगिका समूचा राज्य भरिमे प्रधानतासँ बाजल जाएत अछि। पुलिस नियुक्ति नियमावली आओर शिक्षक नियुक्ति नियमावलीमे सेहो उपरोक्त सभ भाषाकेँ वैकल्पिक भाषाके रूपमे मान्यता प्रदान कएल गेल अछि।
राज्यपालके स्वीकृति पश्चात लागू होयत फैसला
आउ एक नजैर देखि कतए-कतए कोन भाषा बाजल जाएत अछि.?
मगही : लातेहार, पलामू आओर गढ़वा।
भोजपुरी : लातेहार, पलामू आओर गढ़वा।
मैथिली : जमशेदपुर, दुमका, देवघर, गोड्डा आओर साहेबगंज।
अंगिका : दुमका, जामताड़ा, देवघर, गोड्डा, साहेबगंज आओर पाकुड़।
बताओल जा रहल अछि जे सरकार जनभावनाकेँ देखिकय अहितरहक फैसला लेबैक लेल विवश भेलाह आओर अन्तमे उपरोक्त सभ भाषाकेँ दोसर राजभाषाक दर्जा देबाक निर्णय सुनिश्चित कएल गेल।
झारखण्डमे 6.82℅ लोक मगही तs ओतहि 2.44℅ लोक द्वारा भोजपुरी बाजल जाएत अछि। साल 2001 केर जनगणनाके आधार बनाकाय अहि भाषाकेँ दोसर राज्यभाषाक रूपमे दर्जा देबाक निर्णय लेल गेल अछि। जनगणना केर आंकड़ा देखल जाय तs झारखण्डमे 18.36 लाख लोक मगही बाजैत अछि जे कुल आबादी केर 6.82% अछि। एनाही 6.56 लाख लोक अर्थात 2.44% लोक द्वारा भोजपुरी, 1.41 लाख लोक अर्थात 0.52% लोक मैथिली बाजै बला छथि। एहिठाम बता दी जे अंगिका केर जनगणना सूचीमे शामिल नहि कएल गेल छैक, मुदा संथाल केर लगभग सभ जिलामे अंगिका भाषा बाजनिहारक संख्यां विशेष छैक। एकरा पाछू तर्क देल गेलैक अछि जे अंगिका समूचा राज्य भरिमे प्रधानतासँ बाजल जाएत अछि। पुलिस नियुक्ति नियमावली आओर शिक्षक नियुक्ति नियमावलीमे सेहो उपरोक्त सभ भाषाकेँ वैकल्पिक भाषाके रूपमे मान्यता प्रदान कएल गेल अछि।