प्रस्तुत अछि हिनकर टटका रचना "अज्ञानी छी हे मइया ज्ञान हम मंगई छी"
माँ शारदे अहीं सऽ विनती हम करई छी ,
अज्ञानी छी हे मइया ज्ञान हम मंगई छी ,
जीवन बनल अन्हरिया, ज्योति ज्ञान के जराबू ,
बेटा बाट पर पड़ल अछि, माँ अपना शरण बजाबू ,
हे हंसवाहिनी माँ, एक नजरि फेर दिऽ ,
हे वीणा वाली मइया,आशीष हमरा दिऽ ,
अज्ञानता हे मइया हमरा सऽ दूर भगाबू ,
विज्ञानता सऽ मइया जीवन सफल बनाबू ,
अहीं चरण मे मइया उज्जवल करै निहोरा ,
सब ग़लती के माफ़ करू उठा लिऽ कोरा ,
अहाँ सऽ कल जोइर माँ विद्या हम मंगई छी ,
अप्पन जीवनक विपदा अहीं के माँ कहई छी ,
अहाँ जऽ नई सुनबै मइया कहियौ के सुनतई ,
बेटा अहाँ कें मइया केकरा सऽ जाकऽ कहबई ,
विनती हम्मर ए मइया अहाँ सुइन लेबई ,
आशीष अप्पन दऽ कऽ हम्मर जीवन सफल बनेबै।।
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✍ © उज्जवल कुमार झा
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