हाल चाल सऽब कहऽ मित्र,
केहन रहल पुरना साल,
कोना मनायब नवका साल।
कहलियैन मित्र कहु पहिले अप्पन हाल,
दिल्ली कऽ मौसम आ गामक समाचार,
तखन कहबऽ हम अप्पन मऽनक बात,
कोना मनायब इ नवका साल।
मित्र कहलनि सुनु यौ मिता,
दिल्लीक मौसम मिथिलाक भविष्य जाँका,
रोजगार कऽ लेल सभ करैत अछि माई बाप,
छोड़ु कहु कोना मनायब नवका साल।
कहलियैन सुनु मित हमरो व्यथा,
जैह आहाँक सैह हमरो कथा,
दुनु टाईम बस खा लेईत छी भात,
कि कहु कोना मनायब नवका साल।
यौ ककरा नञ होईत छैयक अभिलाषा,
रहितौ माई-बाप-बहिन-भाई केर सौंझा,
कोंढ फटैय अछि सोचि सोचि कऽ इ बात,
यौ मिता कोना मनायब नवका साल।
मिथिलाक मिता याद आबैयत अछि,
घुरक धुंआ मोन पड़ैत अछि ,
याद आबैत अछि दलान कऽ बैसार,
कोना मनायब इ नवका साल।
याद अछि मिता गेल रहि परूंका,
घुमैय कऽ लेल सभ रमनीक ठाम,
कुशेश्वर बाबा श्यामा माई कऽ याद,
कतय मनायब इ नवका साल।
सत्तर साल मऽ देखु मिथिलाक हाल,
याद करैत अछि सभ भोटक काल,
जैह सभ केलनि मिथिलाक सर्वनाश,
वैह मनावौथ इ नवका साल।
दादा जी बजैत छला हम सुनैत रहि,
मिथिलो मऽ उद्योग रहैय बुझैत रहि,
सभटा चाटि गेल नेता बनि दलाल,
यौ मिता कोना मनायब नवका साल।
चिन्नी मील जखन चलैत छ'ल ,
कहैत छलथि दादाजी पाई अबैत छ'ल ,
सकरी रैयाम पंहुचाबैत छलौ कुसियार,
आब कि मनाबु नवका साल।
सुतक मील आ पेपर मील,
ओ बंद पड़ल जे खादक मील,
रोजगार भैटेक छलैह अपनहि ठाम,
आब कहु कोना मनायब नवका साल।
आन प्रदेशक भाग्य बदैल गेल,
पैकेज पर पैकेज पाबि गेल,
बंजर भुमि बनि गेल न्युयॉर्क समान,
मिथिला कथि लऽ मनायत नवका साल।
केन्द्र हो वा हो राज्य सरकार,
मिथिलाक संग केलक दुनेति काज,
सोचि सोचि कऽ भरि जायत आंखि,
घनश्याम कोना मनायत नवका साल।
_घनश्याम झा
राघोपुर , दरभंगा
संपर्क - 9998944931