गामक नेता (मैथिली कविता) : घनश्याम झा

चौक चौराहा पान थुकरथि
झुठ्ठे-फुस्से खुब फुदकथि
समाजसेवा केर नाटक कऽरथि
ओ सभ गामक नेता कहबथि।

गरीबक अनाज अपनहि खाइथ
जनता बीच उपदेश बांटथि 
लाज शर्म सभ घोरि पिबथि
ओ सभ गामक नेता कहबथि।

दोसरक आगु शान बघारथि
अबुझ सबके खुब बुझावथि
विकासक बात पर गला बाझनि
ओ सब गामक नेता कहबथि।

सभा मऽ अगवे फोटो खिंचवथि
पाग चादर माला खुबे पहिरथि
फुसियाहि कऽ गप्पा हांकथि
ओ सभ बड़का नेता कहबथि।

गरीब दिस घुड़ियौ नहि ताकैथ
पेपर मऽ टा नाम छपावथि
मिथिला कऽ सभ नाम घिनावैथ 
ओ सभ गामक नेता कहावैथ।
        
_घनश्याम झा
 राघोपुर, मनीगाछी, दरभंगा