सहरसा : व्यावसायीकरण केँ एहि दौर मे एक डॉक्टर एहेन छथि जे हर सप्ताह करैत छथि 400 मरीजक निःशुल्क इलाज

सहरसा। 30 दिसम्बर। व्यावसायीकरण केँ एहि दौर मे सहरसा केँ प्रसिद्ध चिकित्सक डॉ. एके चौधरी हर सप्ताह 400 गरीबक निःशुल्क चिकित्सा करैत छथि। मजबूर मरीज सभकेँ दवा केर अलावा आन सुविधा सेहो प्रदान करैत छथि। आम चिकित्सक सभक तुलना मे ओ अप्पन परामर्श शुल्क सेहो मामूली राखने छथि। डॉ. एके चौधरी पछिला 20 बरख सँ रोगी सभक निःशुल्क इलाज करीकेँ समाज मे मिसाल पेश क' रहल छथि। आमतौर पर लोग सभ निजी डॉक्टर सबहक फीस देख परेशान रहैत छथि। ओतहि 65 बरखक डॉ. एके चौधरीक ई प्रयास सराहनीय अछि। मूल रूप सँ लखीसरायक बरैहा गाम निवासी डॉ. एके चौधरी चिकित्सा केँ अप्पन पेशा नहि जनसेवा मानैय छथि।

डॉ. चौधरी कहलनि कि 1985 मे ओ अप्पन बेटा अभिषेक आओर बेटी पल्लवी केर मुंडन करबे एक धर्मशाला गेल छलथि। ओहिठाम हुनका जगह नहि भेटलनि। ओहि समय ओ सोचला कि हुनको लग कैको मरीज बिना इलाज करेना वापस भ' जायत छथि। कैको क' मुलाकातक समय नहि भेट पाबैत अछि तेँ कैको मरीज आर्थिक रूप सँ कमजोर रहैत अछि।
डॉ. चौधरी क' लागलनि कि ईश्वर क' हुनका सँ किछु आओर अपेक्षा अछि। ओहि दिन सँ ओ सप्ताह मे एक दिन, यानी रवि दिन क' आराम करबाक बदला गरीब सभक लेल काज करबाक प्रण लेला। परिवारक आन सदस्य सभ ऐहिक लेल हुनका सहमति नहि देलक, मुदा हुनकर कंपाउंडर जागेश्वर महतो हुनका प्रेरित केलनि आ ओहि दिन डॉ. चौधरी ई काज शुरू क' देलनि।

डॉ. चौधरी कहलनि कि ईश्वर हुनका बहुत किछु देना अछि। हुनकर दुनू संतान सेहो चिकित्सक बैन गेल अछि। आब परिवारक लोग सेहो एहि नेक  काज क' पसंद करैत अछि। बेसी उम्र भेलाक कारण आब हुनका सप्ताह के सातों दिन काज करबा मे दिक्कत होयत छैन्ह, मुदा आजीवन ओ गरीब सभक सेवा करबाक संकल्प लेना छथि। डॉ. चौधरी कहलनि कि जाधरि हुनका शरीर मे ताकत रहत, ओ गरीब सभक सेवा करैत रहता।