मिथिलाक सभसँ शांत जिला 'मधुबनी' मनेलक अप्पन 45वां स्थापना दिवस, एक नजैर मधुबनी केँ इतिहास पर

मधुबनी। 02 दिसम्बर।[मिहिर कुमार झा "बेला"] मधुबनीक मुख्य भाषा मैथिली अछि जे सुन'में मधुर आ सरस अछि। कियाक राखल गेल मधुबनी नाम ? पहिलुका समयमें एतयके जंगलमें मौध (शहद) बेसी भेटैत छल ताहि लेल जगह का नाम मधु + वनी सँ मधुबनी भ' परल त' किछ लोकक मानब छै मधुबनी शब्द मधुर + वाणी सँ विकसित भेल अछि। ओतै किछ लोकक कहबाक छैन मखान के खेती सब स' बेसी मधुबनी में होइत अछि, ताहि ल'के मधुबनी नाम परल। 

मधुबनी जिलाक प्राचीनतम ज्ञात निवासीमें किरात, भार, थारु एहेन जनजाती शामिल अछि। वैदिक स्रोतके मुताबिक आर्यक विदेह शाखा आगिके संरक्षणमें सरस्वती तट सँ पूबमें सदानीरा (गंडक)क दिस कूच केलथि आओर अहिं क्षेत्रमें विदेह राज्यक स्थापना केलथि। विदेहके राजा मिथिके नाम पर इ प्रदेश मिथिला कहाओल। रामायणकालमें मिथिलाके राजा सिरध्वज जनक'क पुत्री सीताक जन्म मधुबनीक सीमा पर स्थित सीतामढीमें भेल छल। विदेहक राजधानी जनकपुर, जे आधुनिक नेपाल में पड़एत अछि, मधुबनीके उत्तर-पश्चिमी सीमाके लग अछि। बेनीपट्टीके लग स्थित फुलहरके बारेमें एहेन मान्यता छै कि एतय फुलक बाग छल जतय सँ सीता फुल लए कए गिरिजा देवी मंदिरमें पूजा करैत छलीह।

पंडौलके बारेमें इहो प्रसिद्धि छै कि एतय पांडव सब अपन अज्ञातवाशके किछु दिन बितेने छलाह। विदेह राज्यक अंत भेला पर इ प्रदेश वैशाली गणराज्यक अंग बनल। अहिंके बाद इ मगधके मौर्य, शुंग, कण्व आओर गुप्त शासक सबहक अधीन रहल। 13वीं सदीमें पश्चिम बंगालके मुसलमान शासक हाजी शम्सुद्दीन इलियासके समय मिथिला एवं तिरहुत क्षेत्रक बँटवारा भ' गेल। उत्तरी भाग जाहिके अंतर्गत मधुबनी, दरभंगा एवं समस्तीपुरक उत्तरी हिस्सा आयल छल, ओईनवार राजा कामेश्वर सिंहके महान शासन व्यवस्थामें रहल। ओईनवार राजा सब मधुबनीके लगमे सुगौनाके अपन पहिल राजधानी बनेलथि। 16वीं सदीमें ओ सब दरभंगा के अपन राजधानी बनेलथि। ओईनवार राजा सबके कला, संस्कृति आओर  साहित्यके बढ़ावा दिअ लेल जानल जायत अछि। 1846 इस्वीमें ब्रिटिस सरकार मधुबनी के तिरहुतके अधीन अनुमंडल बनेलक। 1875 में दरभंगाके स्वतंत्र जिला बनला पर इ एकर अनुमंडल बनल। स्वतंत्रता संग्राममें महात्मा गाँधीके खादी आन्दोलनमें मधुबनी अपन विशेष पहिचान कायम केलक आओरर 1942 में भारत छोड़ो आन्दोलनमें जिलाक सेनानी सब जीजान सं हिस्सा लेलक। स्वतंत्रताक पश्चात 1972 में मधुबनी के स्वतंत्र जिला बना देल गेल।

भौगोलिक स्थिति :- मधुबनी के उत्तर मे नेपाल, दक्षिण मे दरभंगा, पुरब मे सुपौल आओर पश्चिम मे सीतामढी जिला अछि। मधुबनी के कुल क्षेत्रफल 3501 वर्ग किलोमीटर अछि जे भूकंप क्षेत्र 5 मे पड़ैत अछि। एहिठाम नदी सभक जाल बिछल अछि जे बरसातक दिनमें हर बरख लोग सभक तबाही केर कारण बनैत अछि। बरख 2007 मे आयल भीषण बाढ़िमे 331 पंचायत (110 पूर्ण रूप सँ आ 221 आंशिक रुप सँ) आओर 836 गामक 372599 परिवार बुरी तरहे प्रभावित भेल छल। समूचा जिला एक समतल आओर उपजाऊ क्षेत्र अछि। एहि क्षेत्रक मुख्य नदी कमला, करेह, बलान, भूतही बलान, गेहुंआ, सुपेन, त्रिशुला, जीवछ, कोशी आओर अधवारा अछि। बेसी नदी सभ बरसातक दिनमे उग्र रुप धारण क' लैत अछि।

प्रशासनिक विभाजन:- मधुबनी जिला 5 अनुमंडल, 21 प्रखंड, 399 पंचायत आ 1111 गाम मे बाँटल अछि। विधि व्यवस्था संचालनक लेल  18 थाना आओर 2 जेल अछि। पूर्ण आओरआंशिक रुप सँ मधुबनी जिला 2 संसदीय क्षेत्र आओर 11 विधान सभा क्षेत्र मे विभाजित अछि। 

जिलाक 5 अनुमंडल : मधुबनी, बेनीपट्टी, झंझारपुर, जयनगर आओर फुलपरास अछि। ओतहि जिलाक 21 प्रखंड : मधुबनी सदर (रहिका), पंडौल, बिस्फी, जयनगर, लदनिया, लौकहा, झंझारपुर, बेनीपट्टी, बासोपट्टी, राजनगर, मधेपुर, अंधराठाढ़ी, बाबूबरही, खुटौना, खजौली, घोघरडीहा, मधवापुर, हरलाखी, लौकही, लखनौर, फुलपरास, कलुआही अछि। 

कला आओर संस्कृति :- मधुबनी मिथिला संस्कृति केर अंग आ केंद्र विंदु रहल अछि। राजा जनक आओर सीता केर वास स्थल भेला सँ हिंदु सभक लेल ई क्षेत्र अति पवित्र आ महत्वपूर्ण अछि। मिथिला पेंटिंग के अलावा  मैथिली आओर संस्कृत केर विद्वान सभ एहि क्षेत्र क' दुनिया भरिमे खास पहिचान देना अछि। प्रसिद्ध लोककला सभमे सुजनी (कपड़ाक कैको परत पर रंगीन ताग से डिजाईन बनायब), सिक्की-मौनी (खर आ घास सँ बनाओल गेल कलात्मक डिजाईन बला उपयोगी वस्तु) आ लकड़ी पर नक्काशी केर काज शामिल अछि। सामा चकेवा आ झिझिया मधुबनी केँ लोक नृत्य अच्छी। मैथिली, हिंदी आओर उर्दू एहिठामक मुख्य भाषा अछि। इ जिला महाकवि कालीदास, मैथिली कवि विद्यापति आओर वाचस्पति जेहन विद्वान सभक जन्मभूमि रहल अछि। 

मधुबनी जिलाक सभस्त जिलावासी क' "मिथिला दैनिक" परिवार दिससँ  जिलाक स्थापना दिवस केर बहुत रास शुभकामना आओर बधाई। 

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