शराबबंदी केँ बाद बिहार बनल हेरोइन, अफीम, गांजा, इंजेक्शन आओर ड्रग्स केर बड़का बाजार

सम्पादकीय। 11 दिसम्बर। उड़ता पंजाब केँ बाद आब उड़ता बिहार केँ बारी अछि की? बिहार केँ हालात किछु एहने बया क' रहल अछि। राज्य मे शराबबंदी कानून लागू भेलाक बाद नवा नवा नशा केर कारोबार चमैक उठल अछि। पुलिस केर निगाह जता शराब आओर शराबी सभकेँ पकरबा मे लागल अछि तेँ ओतहि आब गांजा, चरस, अफीम, हेरोइन केर अवैध धंधा जोर पर अछि। जाहिक गिरफ्त मे बड़का पैमाना पर युवा आओर किशोर आयब रहल अछि। बिहार मे लगातार एहि तरहक नशीला पदार्थ जब्त कायल जे रहल अछि। 

बताओल जे रहल अछि कि ई शराब सँ बेसी खतरनाक मादक पदार्थ अछि। हदक गप ई कि कोबरा सांपक जहर केर इस्तेमाल सँ सेहो नशेड़ी पाछू नहि हटी रहल छथि। ऐहिक संगे बाॅनफिक्स आओर फेविकोल सेहो नशा केँ लेल प्रयोग कायल जे रहल अछि। 

खुद प्रशासन आओर नारकोटिक्स विभाग एहेन मादक पदार्थ सभक बड़का  खेप देखैत हरकत मे आयल अछि। सूत्र केर मानी तेँ शराबबंदी के बाद बिहार इंटरनेशनल ड्रग माफिया सभक लेल बड़का बाजार मे तब्दील भ' गेल अछि। 

सरकार, प्रशासन आओर स्वयंसेवी संगठन सभ आगू आबैत एहि तरहक व्यसन सँ युवा पीढ़ी क' बचेबाक लेल जनजागरण अभियान चला रहल अछि। किएक जे ड्रग्स शराब सँ कैको गुना बेसी खतरनाक अछि। एक बेर  ऐहिक आदत लगलाक बाद फेर ई छुटैत नहि अछि। जे ऐहिक शिकंजा मे एक बेर पड़ैत अछि ओ मौतक बादे ऐहिक शिकंजा सँ निकैल पाबैत अछि।

"मिथिला दैनिक" परिवार अप्पन सभ पाठक सँ नेहोरा करैत अछि जे अहाँ सभ खुद एहि लत सँ परहेज करैत अप्पन समाज क' सेहो एहि लतक गिरफ़्त मे आबाई सँ बचबी।