बिहारक तटबंध घोटाला आब सियासी मुद्दा बनल जे रहल अछि। कैको बड़का राजनीतिक दिग्गज एहि बड़का घोटाला पर आब सवाल उठा रहल अछि। एहि मामला मे पटना हाईकोर्ट मे दायर याचिका केँ बाद विभाग सँ जुड़ल अधिकारी सभक घाम छुइट रहल अछि।
अपने क' बता दी सीतामढ़ी मे बरख 2005 मे तटबंध निर्माण आओर ओहिक रख रखाव लेल सरकार द्वारा निविदा निकालल गेल छल। ओहि समय एचएससीएल कंपनी क' 792 करोड़ टाकाक ठेका देल गेल छल। तटबंध निर्माण काज बरख 2011 धरी पूरा करबाक छल, मुदा पूरा नहि भेल।
बरख 2014 मेँ बढ़ैत मंहगाई क' देखैत निर्माण कंपनी केर आग्रह पर फेर सँ ओहि टेंडर केँ लागत रकम बढ़बैत 3604 करोड़ क' देल गेल। टेंडर केर दौरान सरकार कंपनी क' ई जिम्मेवारी देना छल कि जाधरि निर्माण काज चलत सभ बांधक रख रखाव केर जिम्मेवारी सेहो एचएससीएल के होयत।
कंपनी द्वारा तटबंध निर्माण मे लगातार लापरवाही बरतल गेल। विभागीय निर्देशानुसार नहितँ तटबंध केर निर्माण कराओल गेल नहिये ओहिक रखरखाव पर कंपनी द्वारा कहियो ध्यान देल गेल। लगातार कटाव केर चलते तटबंध जगह-जगह क्षतिग्रस्त होयत गेल आओर बाढ़िक दौरान सीतामढ़ी जिला मे पांच जगह पर तटबंध टुटबाक कारण भारी तबाही मचल।
एहि मामला ल'के सीतामढ़ी केँ एक समाजिक कार्यकर्ता पटना हाईकोर्ट मे जनहित याचिका दायर केलनि, जाहिमे निर्माण कंपनी पर विभागीय अधिकारी सभक मिलीभगत सँ एहि योजना मे व्यापक पैमाना पर लूट मचेबाक आरोप लगाओल गेल छल।
ऐहिक बाद पटना हाईकोर्ट द्वारा सरकार क' पूरा मामलाक उच्चस्तरीय जांच करबाक आदेश देल गेल। जांच मामला मे सभसँ गंभीर बात ई रहल कि जाहि कंपनी पर निर्माण एजेंसी संग मिलकेँ बंदरबाट करबाक आरोप लगाओल गेल छल ओहि विभागक अधिकारी सभके शामिल कायल गेल अछि।
सीतामढ़ी जिला मे कुल 90 किलोमीटर धरी बागमती नदी पर तटबंध केर निर्माण कराओल गेल अछि । पछिला 12 बरखक दौरान तटबंध निर्माण के नाम पर लगातार पाई केर लूट भेल, मुदा विभाग द्वारा कहियो एहि पर सवाल नहि उठाओल गेल। आब जखन मामला पटना हाईकोर्ट धरी पहुंच चुकल अछि तेँ अधिकारी सभके घाम छुइट रहल अछि।
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