एक एहेन दुर्गा मंदिर जाहिक सेवादार छथि मुसलमान, मजार पर सजदा करैत छथि हिंदू

बेगूसराय। 29 सितम्बर। ईश्वर के पूजा धर्म आओर संप्रदाय म' बान्हल नहि होयत अछि। जता एक दिस जाति आओर धर्म ल'क' विद्वेष केर  भावना सँ प्रभावित भ' हम इंसानियत क' बिसैर जायत छी, ओतहि बेगूसराय म' दुर्गा पूजा के दौरान सांप्रदायिक भावना आओर आपसी सहयोग के एक एहेन मिसाल देखबाक लेल भेट रहल अछि जे देश आओर  दुनिया के लेल सीख थीक।

शहर के कर्पूरी स्थान म' स्थित 97 बरख पुरान करोड़ीमल गजानंद माता दुर्गा मंदिर म' सांप्रदायिक सौहार्द्र केर अद्भुत मिसाल देखबाक लेल भेट रहल अछि। एहि मंदिर के व्यवस्था हिन्दु स' बेसी मुसलमान सभक हवाला अछि। दुर्गा पूजा समिति के अध्यक्ष अशोक कुमार गोयनका कहलनि कि मंदिर कमेटी के कुल 24 सदस्य म' 17 मुस्लिम सदस्य नवरात्र सँ पूर्व पूजा-अर्चना आओरमेला के प्रबंध म' लागल छथि। 
शहर के सभसँ प्रसिद्व मंदिर म' गनल जाय बला दुर्गा मंदिर म' रोजाना हजारो भक्त पूजा-अर्चना करैत छथि। मंदिर स' सिर्फ पचास मीटर के दूरी पर पीर के मजार अछि जाहि पर सभ अप्पन माथ झुकेबाक बगैर आगू नहि बढ़ैत छथि। दुर्गा पूजा होय वा आन कोनो त्योहार बगल के करोड़ीमल गजानंद माता दुर्गा मंदिर म' मुस्लिम समुदाय के लोग पूरा श्रद्धा संग पूजा-अर्चना म' हिन्दू सभक संग दैत छथि। 

मंदिर समिति के कार्यकर्ता मो. कैसर आलम कहलनि कि पर्व कुनु भी होय, हमसभ एक संग मिलके मनबैत छी। जाहि तरहे दुर्गा पूजा म' हमसभ पूरा तैयारी मिल क' करैत छी। ओहि तरहे मुहर्रम केर तैयारी म' हिन्दू हमरा सभक संग डेग सँ डेग मिला चलैत छथि। आगा ओ कहलनि कि 1921 म' स्थापित एहि दुर्गा मंदिर केर प्रति लोग सभक अपार श्रद्धा अछि।

एहि मंदिर के खासियत ई अछि कि व्यवस्था म' सभ धर्मक़ लोगक सहयोग होयत अछि। भोर होयते सफाई के पूरा जवाबदेही मुसलमान तबका के लोग उठबैत छथि। एहि इलाका म' जाति-धर्म केर दीवार नहि अछि। सभ धर्मक लोग एक दोसरक पर्व मिलजुलीके मनबैत छथि। मंदिर कमेटी के पदाधिकारी मुन्ना गोयनका केर मुताबिक एहिठाम एतेक  भाईचारगी अछि कि सभ मिल एकताक संग पर्व मनबैत छथि।

धर्म अगबे इबादत के लेल अछि नफरत फ़सारै लेल नहि। ई मानना अछि मंदिर कमेटी के कार्यकर्ता मो. कैसर, मो. अनवर, मो. अकबर खान के। ओ सभ कहलनि कि दुर्गा पूजा पर मंदिर परिसर म' लागै बला मेलाक पूरा व्यवस्था ओ सभ मिलके करैत छथि। 

मुहर्रम आओर दुर्गा पूजा म' कोनो फर्क नहि बुझै बला एहिठामक लोग एक दोसरक प्रसाद खाय आओर बांटबाक काज सेहो पूरा ईमानदारी सँ करैत छथि। पछिला 15 बरख स' ओ सभ मंदिर के कार्यकर्ता छथि।

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ