अपने क' बता दी पांच जजक संविधान पीठ द्वारा 18 मई क' एहि पर फैसला सुरक्षित राखल गेल छल। एहि व्यवस्था क' खत्म करबाक लेल मुस्लिम महिला सभक दिस सँ सुप्रीम कोर्ट म' दलील राखल गेल छल, जखनकि पर्सनल लॉ बोर्ड द्वारा ऐहिके धार्मिक मसला बतबैत एहि पर सुनवाई नहि करबाक मांग काएल गेल छल।
केंद्र सरकार द्वारा सेहो सुनवाई केर दौरान तलाक-ए-बिद्दत माने एक संग तीन तलाक क' खत्म करबाक लेल सुप्रीम कोर्ट म' अपनी काएल गेल छल आओर देल गेल हलफनामा म' कहल गेल छल कि तीन तलाकक प्रथा वैध नहि अछि एहि लेल ई प्रथा बंद होएबाक चाही।
सुनवाई केर दौरान कोर्टक समक्ष ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड मानने छल कि ओ सभ काजी सभक विचार जारी करैत ट्रिपल तलाक पर नहि सिर्फ महिला सभक राय लेत, बल्कि हुनकर निकाहनामा म' शामिल सेहो करत। आब सभक नजैर सुप्रीम कोर्टक फैसला पर टिकल अछि।
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