नई दिल्ली। 30 जून। देश म' अप्रत्यक्ष करकेँ एक नवा व्यवस्था आए 30 जून के आधा रातिसे लागू होमे जे रहल अछि। एहि नवा कर व्यवस्था क' वस्तु एवं सेवा कर (GST) केँ नाम स' जानल जाएत अछि। एहि सँ एक राष्ट्र एक टैक्स केर शुरुआत होयत।
एक नजरि वस्तु एवं सेवा कर (GST) पर
वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) एक अप्रत्यक्ष कर यानी इंडायरेक्ट टैक्स अछि। जीएसटी केर तहत वस्तु आओर सेवा सभ पर एक समान टैक्स लगाओल जाएत अछि। जता जीएसटी लागू नहि अछि, ओता वस्तु आओर सेवा सभ पर अलग-अलग टैक्स लगाओल जाएत अछि। ऐहिक लागू भेलाक बाद हर सामान आओर हर सेवा पर सिर्फ एक टैक्स लागत। यानी वैट, एक्साइज आओर सर्विस टैक्स जेहन कर सभक जगह सिर्फ एकहि टैक्स लागत।
वस्तु एवं सेवा कर (GST) स' एहि तरहक फायदा होयत?
- संविधान केँ मुताबिक केंद्र आओर राज्य सरकार अपन हिसाब स' वस्तु आओर सेवा सभ पर टैक्स लगा सकैछ।
- अगर कुनु कंपनी वा कारखाना एक राज्य म' अपन उत्पाद बना दोसर राज्य म' बेचैत अछि तेँ ओकरा कैको तरहक टैक्स दुनू राज्य क' चुकबे पड़ैत अछि जाहिसँ उत्पाद केँ दाम बढ़ैत अछि। जीएसटी लागू भेला सँ उत्पादक दाम कम होयत।
- नेशनल काउंसिल ऑफ एप्लाइड रिसर्च केँ एक रिपोर्टक मुताबिक जीएसटी लागू भेला सँ देश केँ जीडीपी म' एक स' पौने दू फीसदी तकके बढ़ोतरी संभव अछि।
कुन - कुन उत्पाद सभ पर लागू होयत जीएसटी?
- 2014 म' पास संविधान के 122म संशोधन केर मुताबिक जीएसटी सभ तरहक सेवा आओर वस्तु/उत्पाद पर लागू होयत। सिर्फ अल्कोहल यानी शराब एहि टैक्स स' बाहर होयत।
- कोना काज करत जीएसटी?
- जीएसटी म' तीन अंग होयत – केंद्रीय जीएसटी, राज्य जीएसटी आओर इंटीग्रेटेड जीएसटी।
- केंद्रीय आओर इंटीग्रेटेड जीएसटी केंद्र लागू करत जखनकि राज्य जीएसटी राज्य सरकार लागू करत।
- अगर जीएसटी सेहो वैट जोका अछि तखन ऐहिक जरुरत किएक?
- जीएसटी सेहो वैट जोका अछि, मुदा ऐहिके लागू भेला सँ आन कैको तरहक टैक्स नहि लागत।
- जीएसटी लागू भेला सँ एखन लागै बला वैट आओर सेनवेट दुनू खत्म भ' जायत।
सभ राज्य म' सामानक एक दाम
जीएसटी लागू भेला सँ सभसँ बड़का फायदा आम आदमी क' होयत। पूरा देश म' कुनु भी सामान किनबाक लेल टैक्स चुकबा पड़त। यानी पूरा देश म' कुनु भी सामान केँ दाम एकहि होयत।
कम होयत सामान केँ दाम
- ऐहिके लागू भेला सँ टैक्स केर ढांचा पारदर्शी होयत जेहिसे बहुत हद तक टैक्स विवाद कम होयत। ऐहिके लागू भेलाक बाद राज्य सहके भेटै बला वैट, मनोरंजन कर, लग्जरी टैक्स, लॉटरी टैक्स, एंट्री टैक्स आदि सेहो खत्म भ' जाएत। फिलहाल जे सामान किनबा पर 30-35 प्रतिशत टैक्स चुकबे पड़ैत छल ओ घटिके 20-25 प्रतिशत होयबाक संभावना अछि।
- जीएसटी लागू भेला पर कंपनि आओर व्यापारि सभके सेहो फायदा होयत। सामान एक जगह स' दोसर जगह ल' जेबा म' कुनु दिक्कत नहि होयत। जखन सामान बनेबाक लागत घटत तेँ सामान सस्ता सेहो होयत।
किनका होयत नुकसान
- जीएसटी लागू भेला सँ केंद्र क' फायदा होयत मुदा राज्य सभ कैको तरहक टैक्स नहि वसूल पायत जाहिसे राज्य सभक कमाय कम भ' जाएत। अपने क' बता दी कि पेट्रोल व डीजल स' कैको राज्य के आधा बजट चलैत अछि। ऐहिके ध्यान म' राखैत केंद्र द्वारा राज्य सभके राहत दैत मंजूरी द' देलनि कि ओ एहि वस्तु सभ पर शुरुआती बरख म' टैक्स लैत रहे। राज्य सभक जे नुकसान होयत, केंद्र ओहिक भरपाई पांच बरख धरी करत।
- संविधान केँ मुताबिक केंद्र आओर राज्य सरकार अपन हिसाब स' वस्तु आओर सेवा सभ पर टैक्स लगा सकैछ।
- अगर कुनु कंपनी वा कारखाना एक राज्य म' अपन उत्पाद बना दोसर राज्य म' बेचैत अछि तेँ ओकरा कैको तरहक टैक्स दुनू राज्य क' चुकबे पड़ैत अछि जाहिसँ उत्पाद केँ दाम बढ़ैत अछि। जीएसटी लागू भेला सँ उत्पादक दाम कम होयत।
- नेशनल काउंसिल ऑफ एप्लाइड रिसर्च केँ एक रिपोर्टक मुताबिक जीएसटी लागू भेला सँ देश केँ जीडीपी म' एक स' पौने दू फीसदी तकके बढ़ोतरी संभव अछि।
- 2014 म' पास संविधान के 122म संशोधन केर मुताबिक जीएसटी सभ तरहक सेवा आओर वस्तु/उत्पाद पर लागू होयत। सिर्फ अल्कोहल यानी शराब एहि टैक्स स' बाहर होयत।
- कोना काज करत जीएसटी?
- जीएसटी म' तीन अंग होयत – केंद्रीय जीएसटी, राज्य जीएसटी आओर इंटीग्रेटेड जीएसटी।
- केंद्रीय आओर इंटीग्रेटेड जीएसटी केंद्र लागू करत जखनकि राज्य जीएसटी राज्य सरकार लागू करत।
- अगर जीएसटी सेहो वैट जोका अछि तखन ऐहिक जरुरत किएक?
- जीएसटी सेहो वैट जोका अछि, मुदा ऐहिके लागू भेला सँ आन कैको तरहक टैक्स नहि लागत।
- जीएसटी लागू भेला सँ एखन लागै बला वैट आओर सेनवेट दुनू खत्म भ' जायत।
- ऐहिके लागू भेला सँ टैक्स केर ढांचा पारदर्शी होयत जेहिसे बहुत हद तक टैक्स विवाद कम होयत। ऐहिके लागू भेलाक बाद राज्य सहके भेटै बला वैट, मनोरंजन कर, लग्जरी टैक्स, लॉटरी टैक्स, एंट्री टैक्स आदि सेहो खत्म भ' जाएत। फिलहाल जे सामान किनबा पर 30-35 प्रतिशत टैक्स चुकबे पड़ैत छल ओ घटिके 20-25 प्रतिशत होयबाक संभावना अछि।
- जीएसटी लागू भेला पर कंपनि आओर व्यापारि सभके सेहो फायदा होयत। सामान एक जगह स' दोसर जगह ल' जेबा म' कुनु दिक्कत नहि होयत। जखन सामान बनेबाक लागत घटत तेँ सामान सस्ता सेहो होयत।
- जीएसटी लागू भेला सँ केंद्र क' फायदा होयत मुदा राज्य सभ कैको तरहक टैक्स नहि वसूल पायत जाहिसे राज्य सभक कमाय कम भ' जाएत। अपने क' बता दी कि पेट्रोल व डीजल स' कैको राज्य के आधा बजट चलैत अछि। ऐहिके ध्यान म' राखैत केंद्र द्वारा राज्य सभके राहत दैत मंजूरी द' देलनि कि ओ एहि वस्तु सभ पर शुरुआती बरख म' टैक्स लैत रहे। राज्य सभक जे नुकसान होयत, केंद्र ओहिक भरपाई पांच बरख धरी करत।
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