कोसी के एहि गाम सभमे चिकित्सक केर कमी लोग सभके खासा परेशान करैत अछि। औरही, बनैनियां, बलथरबा, कटैया, भुलिया, ढोली, झखराही, सियानी, कबियाही, कड़हरी, बाजदारी, लौकहा-पलार, कोढ़ली पलार, उग्रीपट्टी आदि गामक इए स्थिति अछि। ऐता सुरक्षित प्रसव केर बात करब बैमानी कहल जायत।
तटबंध के बीच बसल एहि सभ गाममे नहिये तेँ कुनु अस्पताल अछि आर नहिये कुनु चिकित्सक एहिठाम आबैत अछि। पोलियो ड्रॉप पियेबाक अलावा एहि इलाका के बच्चा सभके डीपीटी, खसरा आदि के टीका सेहो नहि पड़ैत अछि। इलाका मे एखनहुँ आधा से बेसी लोग अंधविश्वास मे फसल अछि। कुनु बच्चा केर बीमार होबा पर, सर्पदंश केर घटना या फेर कुनु आन रोग सभसे ग्रसित होयबा पर लोग पहिने ओझा-गुनी लग जायत छैथ।
राहत नहि भेटला पर ग्रामीण चिकित्सक सभक सहारा लैत छैथ। एकर बादो यदि बीमारी ठीक नहि होयत अछि तेँ मरीज क' कंहा या खाट पर लादिके अस्पताल पहुचाओल जायत अछि। इलाका के मो. कलीम व राम प्रसाद मंडल कहला कि सामान्य दिन मे लोग कुनु तरह अस्पताल तक पहुंच जायत अछि मुदा बारिश केर मौसम मे परेशानी बहुत बैढ़ जायत अछि।
पहिने मरीज के कंहा पर लादिके घाट पर लाओल जायत अछि आर बाद मे नाह केर इंतजाम कायल जायत अछि। ऐहिक कुनु गारंटी नहि कि नाह भेटबे करत। अगर समय पर नाह नहि भेटल तेँ ऐना मे मरीजक हालात आर बिगैर जायत अछि। फेर बस ऊपरवाला केर सहारा होयत अछि।
ग्रामीण सभक कहब अछि कि इलाका के भौगोलिक स्थिति सेहो एहेन अछि कि चुनाव के दिनक बाद कुनु राजनेता एम्हर झांकब सेहो मुनासिब नहि बुझैत अछि। सुपौल के सिविल सर्जन डॉ. रामेश्र्वर साफी एहि संबंध मे पुछल गेला पर कहला कि एहि इलाका मे अस्पतालक लेल एखन धरी कुनु आवेदन प्राप्त नहि भेल अछि, जाहि आधार पर सरकार क' लिखल जे सके। चिकित्सक सभक ड्यूटी अस्पताल स्तर पर लगाओल जायत अछि। ओता अस्पताल नहि अछि तेँ चिकित्सक कोना पहुँचत।
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