मातृभाषा दिवस (विशेष) - राज कुमार झा

मुम्बई। 21 फरवरी। मैथिली - भाषा अति प्राचीन, पूर्वज प्रदत्त अनमोल धरोहर आओर माधुर्यतासँ आप्लावित मीठगर भाषा अछि। भाषा संस्कृति व संस्कार केर उद्गम - स्थलीक मेरूदण्ड थिक। भाषा करोड़ों व्यक्तिक मूल पहचान थिक।

मिथिलांचलक मधुरतम भाषा मैथिली, तावत् धरि बिलखैत रहतीह जावत् धरि गाम - घर तथा प्रवासमे रहनिहार मैथिल लोकनिक कंठक भाषा नञि बनत । मैथिली भाषाक उत्थान मिथिलाक सांस्कृतिक उत्थान थिक तथा मिथिलांचलक मैथिल लोकनिक स्वाभिमानक उत्थान थिक। अत्यन्त मधुर आओर प्रिय भाषा मैथिलीक संरक्षण व संवर्द्धनक आवश्यकताकें अनिवार्य रूपसँ नियोजित करबाक अहम् दायित्वकें हृदयमे धारण करबाक संकल्प ली। 

आऊ, भाषा दिवस केर अवसर पर हमरालोकनि सामूहिक संकल्प ली जे घर - घरमे धिया - पुताके संग, श्रेष्ठ अभिभावकके संग तथा सर - कुटुम्बके संग मैथिलीमे गप्प - सप्प करी। जय श्री हरि।

जय मिथिला ! जय मैथिली !! जय भारत !!!

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