मिथिलाक उपेक्षा के दर्द सँ करैह रहल अछि करहारा

मधुबनी। 19 जनवरी। मधुबनी जिलाक एक एहेन गाम जते नदी बाटे साल भरी जिंदगी केर भागदौड़ मे लोग बेवश भ' सरपट दौड़बा लेल मजबूर छैथ। ई गाम अप्पन बदहाली के दास्तान कैको बरख से बांसक चचरी बला पुल के सहारे बयान क' रहल अछि।

ई गाम मधुबनी जिला के बेनीपट्टी प्रखण्ड अंतर्गत आबैत अछि जाहिक नाम करहारा अछि। अधवारा समूह के धौस नदी पर पक्का पुल नहि होयबाक कारण ग्रामीण सभ 4 माह नाह आर 8 माह बांसक चचरी बला पुल के सहारे अप्पन जीवन व्यतीत करबाक लरल बेवश अछि। गामक लोग धौस नदी पर पुलक मांग लेल बेनीपट्टी से पटना धरी आवेदन द' गुहार लगा चुकल छैथ, मुदा सरकार व जनप्रतिनिधि सभ द्वारा एखन धरी एहि समस्या से निजात दियेबाक दिशा मे कुनु ठोस डेग नहि उठाओल गेल अछि।


प्रखण्ड मुख्यालय से आठ किलोमीटर के दूरी पर करहारा गाम अछि। धौस, डोरा आर थुम्हानी नदी से घेरल ई करहारा गाम विकासक लेल ललानवित अछि। करहारा घाट के धौस नदी पर पुल नहि अछि। गामसे बाहर आबै जाय लेल सड़क नहि अछि। करहारा गामक लोग सड़क नहि होयबाक कारण महराजी बांध के सहारे आयब - जायब करैत छैथ। सात हजारक आबादी बला करहारा गाम मे यादव, मुस्लिम, पिछड़ा आर  महादलित व अनुसूचित जाति केर संख्या सर्वाधिक अछि। आजादी के साढ़े छह दशक बितलाक बादो करहारा गामक लोग सड़क, बिजली, स्वास्थ्य, शिक्षा, टेलीफोन, यातायात, सिंचाई, रोजगार जेहेन जीवनक मौलिक सुविधा सभसे वंचित छैथ। 

बाढ़ि व सुखाड़ केर दंश झेलब गामक नियति बैन गेल अछि। करहारा गाम मे मनरेगा व निर्मल भारत अभियान केर तहत शौचालय निर्माण काज के हालत बद से बदतर अछि। गामक  महज बीस प्रतिशत लोगक घर मे निजी शौचालय अछि। 80 प्रतिशत लोग क' शौच के लेल भोर - सांझ बाहर जे पड़ैत छैन्ह। गामक अधिकांश लोग खेती पर आश्रित छैथ। बाढ़ि व बरसात के दिन करहारा गाम 2 माह तक टापू बनल रहैत अछि। जते घर से आबै जाय लेल नाह एक मात्र साधन रहैत अछि। धौस नदी पर पुल बनला से 50 हजार के आबादी क' जते सीधा लाभ भेटत। ओतहि करहारा, समदा, बिरदीपुर, सोहरौल, गुलड़िया टोल, उच्चैठ सहित एक दर्जन गाम के बसैठ से सीधा जुड़ाव भ' जायत।

करहारा पंचायत जे की बेनीपट्टी विधानसभा क्षेत्र आर मधुबनी लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आबैत अछि। पंचायत के मुखिया बतबैत छैथ कि पंचायत मे पंचायती विभाग से काज भ' रहल अछि लेकिन धौस नदी पर पुल संभव नहि अछि। धौस नदी पर पुल निर्माण के मांग ल' कैको बेर मुख्यमंत्री के जनता दरबार मे आवेदन सेहो देल गेल अछि, लेकिन समस्या जस के  तस अछि। जनप्रतिनिधि सभक अनदेखी केर कारण आइयो पंचायत के आम आवाम नदी होयत जेबाक लेल बेवश छैथ।

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