मधुबनी। 10 दिसम्बर। कहल जैत अछि पुस्तकालय समाज के जिन्दा होबाक निशानी होयत अछि । याह ओ जगह होयत अछि जतए राष्ट्र, समाज आर व्यक्तिक' चरित्र निर्माण होयत अछि । लेकिन बदलैत समय में एही गरिमा आ महत्व के बिसरा देल गेला। सरस्वती पुस्तकालय गौड अंधरा में हजारों पुस्तक रखरखाव के अभाव में धूल फांकी रहल अछि। समाज के बुद्धिजीवि सेहो एही के सरकार क भरोसे छोड़ी अपन आँखि फेर लेने छैथ।
कि अछि इतिहास :
1982 में स्थापित एही पुस्तकालय कs निबंधन 1998 में भेल छल। तत्कालीन विधायक सह निबंधन राज्य मंत्री स्व. रामअवतार चौधरी अपन विधायक ऐच्छिक कोष सs एही पुस्तकालय के लेल एक सुन्दर भवन बनबेने छलाह। ओ भवन आई सेहो दुरुस्त अछि। पुस्तकालय विकास कार्यक्रम के तहत बिहार सरकार समय-समय पर हजारों रुपया के पुस्तक एही पुस्तकालय के दैत रहल अछि।
कि अछि वर्तमान :
हाल में निवर्तमान विधायक रामावतार पासवान अपन क्षेत्र विकास मद सs 50 हजार रुपया के पुस्तक भेल। पुस्तकालय प्रबंध समिति के सचिव मुकेश नारायण चौधरी के अनुसार स्थानीय विधायक रामप्रीत पासवान एक लाख रुपया मूल्य के पुस्तक देब के आश्वासन देलाह । विडम्बना अछि कि एही पुस्तकालय में उपस्कर के भारी कमी अछि। पुरना उपस्कर नष्ट भ गेल अछि । पुस्तक बोरा में बंद पड़ल अछि। सदस्य आर पाठक के बैसा के लेल कुर्सी, टेबल आदि सेहो नै अछि।
पुस्तकालय प्रबंध समिति के अध्यक्ष चन्द्रदेव पासवान, कोषाध्यक्ष फिरन चौधरी, आ अन्य गणमान्य लोक सब स्थानीय सांसद, विधायक समेत प्रशासनिक अधिकारि सs एही पुस्तकालय में उपस्कर के व्यवस्था एवं कार्यरत पुस्तकालयाध्यक्ष के मानदेय भुगतान करे के मांग कैलाह ।
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