कमला मैया (बीहनि कथा) - वी०सी०झा"बमबम"

~ कि पाटनर कि विचार ?
~ निकाल ने कि देखय छहि ? जा गाड़ी पूल धड़ि एतहि ताबत अपना सब ओहि पार रहब !
 
~ तोहर सैह विचार ? 
~ तखन कि ?
~ फेर नहि कहिंए  ?
~ हरहु जतेक काल सोच - विचार करबें तावत विदेश्वर पहुचि जेंवेए !
~ ओना देखहि गाड़ी के पास भेट गेल छय !
~ धूर्र तू चलबें कि नहि ?

( मोटर साइकिल पूल सऽ निकलहि बला छलहिए कि रेलगाड़ी आबि गेलहि ! मुदा ताबत गेटमेन ललका झंडा देखा देने छलहि !  गाड़ी लग मे आबि रुकि गेलहि संयोगबस ट्रेन धूनि'क कारण अस्थिर छलहि नहि तऽ - - )

गेट मेन ~ कने काल अहाँ सब इंतजार नहि कऽ सकैत ? अपनहु आ हमरहु जोखिम मऽ दऽ दैत छी !

~ हम पहिनहि कहैत छलियहु जे - - - -
~ भाई हमरा तऽ भेल जे - - - 

लोक सब ~ जाउ कमला मैया बचा लेलथि अहाँ सब के विदेश्वर बाबा'क पूजा करय ले जाय छलहुं तांय !

अजूका टटका घटना कमला वलान पूल पर बाल - बाल बचलहुं दुनू मिता


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